Varanasi Gyanvapi case : उत्तर प्रदेश में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर स्थित शिवलिंग को छोड़कर वजूखाना क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण कराने की मांग वाली याचिका पर ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने बृहस्पतिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष जवाबी हलफनामा दाखिल किया। अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 9 सितंबर, 2024 निर्धारित की।
जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि वजूखाना और शिवलिंग से जुड़ा मामला पहले से ही उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है और स्थगन आदेश लगा है कि इसे संरक्षित किया जाना चाहिए और इसकी सुरक्षा वाराणसी के जिलाधिकारी को सौंपी गई है।
हलफनामे के मुताबिक, इसलिए आगे किसी भी प्रकार की कार्रवाई की अनुमति नहीं है। इसके बजाय, याचिकाकर्ता को उच्चतम न्यायालय से संपर्क कर उसके 2022 के आदेश पर स्पष्टीकरण मांगना चाहिए। जवाबी हलफनामे में आगे कहा गया, वाराणसी के जिला जज ने वजूखाना के सर्वेक्षण की मांग 21 अक्टूबर, 2023 को सिरे से खारिज कर दी थी क्योंकि यह मामला उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेश के अंतर्गत है।
इस जवाबी हलफनामा को रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता के वकील को रिज्वाइंडर हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया और अगली सुनवाई की तिथि नौ सितंबर, 2024 निर्धारित की।
वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना वाद में शामिल वादकारियों में से एक राखी सिंह ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में दलील दी है कि न्याय हित में वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण आवश्यक है क्योंकि इससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
हिंदू पक्ष के वकील की दलील है कि संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित करने के लिए वजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराना आवश्यक है। यह सर्वेक्षण उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक, गैर आक्रामक पद्धति का उपयोग करके संभव है।
उल्लेखनीय है कि एएसआई वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का पहले ही सर्वेक्षण कर चुका है और वाराणसी के जिला जज को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एएसआई ने वाराणसी के जिला जज के 21 जुलाई, 2023 के आदेश के मुताबिक किया था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour