नई दिल्ली। भाजपा नेता वरुण गांधी ने रेल किराए में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट को खत्म करने के केंद्र सरकार के निर्णय पर शुक्रवार को सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि एक ओर जहां सांसदों को रेल किराए में रियायत मिल रही है, वहीं बुजुर्गों को दी जाने वाली इस छूट को बोझ के तौर पर क्यों देखा जा रहा है?
वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत खत्म करने के रेल मंत्रालय के फैसले को वरुण ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अपने ही लोगों को उनके जीवन के इस मोड़ पर अकेला छोड़ देने का फैसला असंवेदनशील है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में संसद को सूचित किया था कि यात्रियों को रियायतें देने से रेलवे पर भारी बोझ पड़ता है। उन्होंने सभी श्रेणियों में यह सुविधा बहाल करने से इनकार कर दिया था।
महिला वरिष्ठ नागरिकों को सभी श्रेणी के रेल किराये में 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, जबकि पुरुषों और समलैंगिकों के मामले में यह रियायत 40 प्रतिशत थी। किसी महिला के लिए रियायत का लाभ उठाने की न्यूनतम आयु सीमा 58 साल, जबकि पुरुषों के लिए 60 वर्ष थी।