Verdict On Ajmer Sex and blackmail case: अजमेर की एक विशेष अदालत ने 1992 के बहुचर्चित ब्लैकमेल व ब्लात्कार कांड (Ajmer Blackmail Case 1992) मामले में छह शेष आरोपियों को दोषी मानते हुए मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस बहुचर्चित कांड में अजमेर शहर की 100 से अधिक लड़कियों का यौन शोषण किया गया था।
अभियोजन पक्ष के वकील वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट में हो रही थी। न्यायाधीश रंजन सिंह ने छह आरोपियों को अपराध में शामिल होने का दोषी ठहराया और फैसला सुनाया।
उन्होंने कहा कि अदालत ने नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद ज़मीर हुसैन सहित प्रत्येक आरोपी पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। एक आरोपी इकबाल भाटी को अदालत में पेश होने के लिए एम्बुलेंस में दिल्ली से अजमेर लाया गया था।
उल्लेखनीय है कि 1992 के इस बहुचर्चित प्रकरण में लड़कियों की अश्लील तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल किया गया था। पुलिस के अनुसार इन तस्वीरों को सार्वजनिक करने की धमकी देकर 100 से अधिक लड़कियों का यौन शोषण किया गया। मामले में अजमेर के एक मशहूर निजी स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को फार्म हाउस में बुलाया जाता था जहां उनके साथ दुष्कर्म किया जाता। पीड़ित लड़कियों की उम्र 11 से 20 साल के बीच थी।
इस मामले में कुल 18 लोग आरोपी थे। इनमें से छह आरोपियों पर अलग से मुकदमा चल रहा है, जबकि बाकी आरोपी या तो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं या फिर अदालत से बरी हो चुके हैं। इनमें से कुछ पर अलग से भी मामले चल रहे हैं।
भाषा/ Edited by Navin Rangiyal