विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि यदि कांग्रेस हमारे लिए अपने दरवाजे खोलती है और अपने चुनावी घोषणा पत्र में राममंदिर निर्माण को शामिल करती है तो हम कांग्रेस का साथ देने की सोच सकते हैं। देखते ही देखते मामले पर बवाल मच गया और विश्व हिंदू परिषद अपनी बाद से पलट गया।
राम मंदिर मामले पर भाजपा से नाराज चल रही विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हमें लगता था कि सरकार कानून बनाएगी। हमने आग्रह भी किया था और सरकार को कानून लाना भी चाहिए था। लेकिन अब लगता है कि सरकार कानून नहीं लाएगी।
हालांकि उन्होंने कांग्रेस पर राममंदिर मुद्दे को कोर्ट में लटकाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने यह भी साफ किया कि इस मामले को लेकर हम संतों के बीच जाएंगें। 1 फरवरी को होने वाली धर्म संसद में ही तय होगा कि आगे क्या करना है।
बहरहाल आलोक कुमार के इस बयान पर बवाल मच गया। कुछ लोग इसे राम मंदिर मामले पर विहिप का भाजपा पर दबाव बनाने का हथकंडा मान रहे हैं तो कुछ लोग इसे अवसरवादिता बता रहे हैं।
मामले पर बवाल मचने पर आलोक कुमार ने अपनी सफाई में कहा कि इस मामले को जरूरत से ज्यादा तूल दिया गया है। न तो हम कांग्रेस का समर्थन करने के बारे सोच रहे हैं और न ही भविष्य में ऐसा कुछ करेंगे।