नई दिल्ली। नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में और इस विवादास्पद कानून को वापस लेने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में मंगलवार को पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, कई मोटरसाइकलों को आग लगा दी और 3 बसों के साथ-साथ 2 पुलिस चौकियों में भी तोड़फोड़ की। शहर में हिंसा की इस ताजा घटना में 21 लोग घायल हो गए।
सीलमपुर इलाके में हुए प्रदर्शन के बाद रात में ब्रिजपुरी में भी प्रदर्शन हुए और लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि ब्रिजपुरी में यह घटना रात करीब 8.30 बजे हुई, हालांकि अब स्थिति नियंत्रण में कर ली गई है।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में रविवार से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मंगलवार को भी सैकड़ों छात्र जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप सड़कों पर उतरे, जहां रविवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ था। पुलिस ने बताया कि सीलमपुर में करीब 1.30 घंटे तक हुई झड़पों में 12 पुलिसकर्मियों और 6 नागरिकों समेत 21 लोग घायल हो गए। 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े लेकिन प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने की बात से इंकार किया। इस नए कानून के विरोध में दिल्ली तथा अन्य जगहों पर हुई ताजा झड़पों के बीच विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से केंद्र को असंवैधानिक तथा विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने की सलाह देने का अनुरोध किया।
नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ कई विपक्षी दलों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में एकजुटता दिखाई और सरकार पर लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा की घटनाओं के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने दिल्ली पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और शांति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया और सीलमपुर में हिंसा तथा राष्ट्रीय राजधानी के मौजूदा हालात पर केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला तथा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी सूचना है कि गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने महज 3 दिनों के अंदर हुई 2 से अधिक घटनाओं पर अपनी नाखुशी जताई है। उन्होंने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से खुफिया सूचना एकत्रित करने का तंत्र मजबूत करने के लिए कहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि जामिया और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को देखते हुए गश्त बढ़ा दी गई है।
इस बीच नोएडा यातायात पुलिस ने मंगलवार शाम को कहा कि नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाला कालिंदी कुंज रोड बुधवार को बंद रहेगा तथा यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से यात्रा करने की सलाह दी गई है। उसने कहा कि दक्षिण दिल्ली में प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है।
सीलमपुर में प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया, जब पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। गुस्साई भीड़ की पुलिस के साथ झड़प हुई। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और एक स्कूल बस समेत वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। स्कूल बस में ड्राइवर और एक छात्र था। प्रदर्शनकारियों ने यातायात पुलिस की 2 मोटरसाइकलों को भी जला दिया। इलाके में 2 पुलिस चौकियों में तोड़फोड़ की गई और भीड़ वहां लगे सीसीटीवी कैमरे ले गई।
पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में सीलमपुर और जाफराबाद पुलिस थानों में 3 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। ये झड़पें तब हुईं, जब 2 दिन पहले दक्षिण दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स इलाके में प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क उठी थी।
पुलिस ने बताया कि पहले लोगों के छोटे-से समूह ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया था और वे सीलमपुर की गलियों में घुस गए। जब वे जाफराबाद मुख्य सड़क पर आए तो करीब 3,000 लोग थे और पुलिस वहां मौजूद थी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब वे अलग-अलग होने लगे तो अचानक पत्थर फेंके गए। हमने उनसे पथराव न करने का कई बार अनुरोध किया लेकिन वे रुके नहीं जिसके बाद उन्हें खदेड़ने के लिए हमें आंसूगैस का इस्तेमाल करना पड़ा।