देशभर में नागरिकता संशोधन कानून पर बवाल जारी है। देश की राजधानी दिल्ली से लेकर पश्चिम बंगाल, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर-पर्व राज्यों सहित उत्तर भारत के अलग-अलग शहरों में आंदोलन बढ़ता जा रहा है। इस बीच कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिन्हें शेयर कर दावा किया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को उनके घर से बाहर निकाल कर मारा गया।
क्या है वायरल-
@AKshahi00020497 नामक ट्विटर हैंडल से तीन तस्वीरें शेयर कर लिखा गया है- ‘बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंदुओ को घर से बाहर निकाल कर मारा जा रहा है। मुर्शिदाबाद में कई हत्याएं पहले भी हो चुकी है लेकिन इस बार ऐसा लगता है 1946 फिर से दोहराया जा रहा है। शायद इसलिए क्योंकि हम चुप है।’
पहली तस्वीर में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग रैली निकालते नजर आ रहे हैं। वहीं, दूसरी तस्वीर में एक घायल महिला नजर आ रही है और तीसरी तस्वीर में रेल की पटरियों में आग लगी दिख रही है और उसके आस-पास कुछ लोग नजर आ रहे हैं।
ये तस्वीरें फेसबुक पर भी इसी तरह के कैप्शन के साथ शेयर किए जा रहे हैं।
क्या है सच-
पहली तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च में ढूंढने पर हमें रिजल्ट में कुछ खास नहीं मिला। लेकिन इस तस्वीर को गौर से देखने पर हमें प्रदर्शनकारियों के हाथ में जो प्लेकार्ड है, उसमें CAB लिखा नजर आया। हम यह तो पता नहीं लगा सके कि तस्वीर कहां की है, लेकिन यह CAB विरोधी प्रदर्शनों से ही संबंधित है।
फिर हमने घायल महिला की तस्वीर को रिवर्स सर्च किया तो पाया कि यह तस्वीर पिछले साल भी वायरल हुई थी। लेकिन अलग-अलग संदर्भ के साथ।
कुछ लोगों ने इस तस्वीर को नियुक्ति की मांग कर रहे उत्तरप्रदेश के बीएड और टीईटी पास अभ्यर्थियों पर पुलिस दा्वरा किए गए लाठीचार्ज में घायल युवती का बताया।
हालांकि हमें इस तस्वीर संबंधित कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली, लेकिन यह स्पष्ट है कि वायरल घायल महिला की तस्वीर नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान की नहीं है।
रेल की पटरियों में लगी आग वाली तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें रिजल्ट में कुछ खास नहीं मिला। रिपोर्टों के अनुसार, असम और पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों के संचालन को बाधित किया। भारतीय रेलवे ने पूर्वोत्तर खासकर असम में 30 लंबी और छोटी दूरी की ट्रेनों को रद्द कर दिया है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगाई थी।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि सोशल मीडिया का दावा ‘नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को उनके घर से बाहर निकाल कर मारा गया’ फर्जी है। वायरल घायल महिला की तस्वीर पुरानी है, इसका CAA के विरोध में चल रहे प्रदर्शन से संबंधित नहीं है।