चेन्नई। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और तेलंगाना राज्य नेतृत्व के खिलाफ हमलों की झड़ी लगाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चेन्नई पहुंचे जहां अपेक्षाकृत शांति दिखी। मोदी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के साथ गर्मजोशी से मिले। चेन्नई हवाई अड्डा स्थित नए टर्मिनल भवन पर भ्रमण के समय प्रधानमंत्री कुछ समय तक स्टालिन का हाथ थामे नजर आए। इसको देखकर यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कांग्रेस के करीबी स्टालिन 2024 में कहीं मोदी के करीब तो नहीं आ जाएंगे? दरअसल, भाजपा को जयललिता के बाद तमिलनाडु में एक अच्छे साथी की जरूरत भी है।
केसीआर ने बनाई मोदी से दूरी : इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव हैदराबाद में प्रधानमत्री मोदी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। हैदराबाद में रेलवे परियोजनाओं और विकास योजनाओं का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र द्वारा राज्य में लागू की जा रही विकास परियोजनाओं में बाधा डालने के लिए तेलंगाना राज्य नेतृत्व पर हमला बोला। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन मंच पर बैठी हुई थीं, जब प्रधानमंत्री ने राज्य नेतृत्व पर अपना हमला शुरू किया।
तेलंगाना के बाद प्रधानमंत्री तमिलनाडु पहुंचे, जहां हालिया समय में राजनीतिक घमासान छिड़ा रहा। राज्यपाल आरएन रवि ने हाल में लोगों द्वारा 2018 के स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन को विदेशी-वित्तपोषित कहकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था।
राज्यपाल के बयान से विवाद : बृहस्पतिवार को चेन्नई में राजभवन में एक कार्यक्रम के दौरान विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन को लेकर एक सवाल पर राज्यपाल ने कहा था कि स्टरलाइट का प्रदर्शन पूरी तरह से विदेशी वित्तपोषित था। समूची गतिविधियों के लिए वित्त पोषण हुआ था जिसके कारण प्रदर्शन और दुर्भाग्यपूर्ण पुलिस गोलीबारी में निर्दोष लोगों की जान गई।
राज्य में सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने इन टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह उन लोगों का अपमान है, जिन्होंने न केवल स्टरलाइट संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाग लिया बल्कि उनके संघर्ष में अपनी जान तक दे दी।
वर्ष 2018 में थूथुकुडी में स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 13 लोग मारे गए थे। द्रमुक ने राज्यपाल की टिप्पणी के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। द्रमुक केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा देश के संघीय ढांचे के समक्ष कथित खतरे के संबंध में कई मुद्दे उठाती रही है। मुख्यमंत्री स्टालिन भी केंद्र में राजग सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी एकता की वकालत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री के आगमन के कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने मोदी को एक पत्र लिखकर मांग की थी कि राज्य के कावेरी डेल्टा क्षेत्र में चिह्नित किए गए 3 कोयला खंडों को राष्ट्रीय नीलामी सूची से हटा दिया जाए। केंद्र ने तुरंत कदम उठाते हुए सूची से तीनों क्षेत्रों को हटा दिया। प्रदेश भाजपा नेता के अन्नामलाई ने भी एक बयान जारी कर त्वरित कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।
बहरहाल, प्रधानमंत्री ने चेन्नई हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल का उद्घाटन किया तो इस दौरान स्टालिन भी मौजूद थे और उनके बीच गर्मजोशी देखी गई। स्टालिन ने चेन्नई हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री की अगवानी की और बाद में दोनों ने राज्यपाल आरएन रवि, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य गणमान्य लोगों के साथ नए एकीकृत टर्मिनल का भ्रमण किया।
अगले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एमजीआर चेन्नई सेंट्रल स्टेशन पर चेन्नई-कोयम्बटूर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान भी स्टालिन मौजूद थे। (एजेंसी/वेबदुनिया)