Indo-Pak War 1971: भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971) की वह घटना कोई नहीं भूला होगा, जब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाल दिए। 16 दिसंबर का वह फोटो जब भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा और पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एके नियाजी ने आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे। वह फोटो आज भी भारतवासियों की आंखों में बसा हुआ है। यह तस्वीर सेना प्रमुख के दफ्तर में लगी हुई थी।
हटा दी गई वह तस्वीर : मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसी खबर है कि अब उस ऐतिहासिक फोटो को थल सेना प्रमुख के दफ्तर से हटा लिया गया है। उसकी जगह एक प्रतीकात्मक पेंटिंग लगा दी गई है। पत्रकार मान अमन सिंह चीना ने एक्स पर लिखा कि थल सेना प्रमुख के दफ्तर से वह ऐतिहासिक तस्वीर हटा ली गई है, जो 1971 में बांग्लादेश को आजाद करवाते वक्त भारत ने पाकिस्तानी फौज का समर्पण करवाते वक्त ली गई थी। उसकी जगह एक पेंटिंग लगाई गई है, जो पैगोंग त्सो के मिथकीय प्रतीकों के बारे में है। हालांकि सेना की ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं आया है। चीना 'सेवन हीरो ऑफ 1971' नाम से एक पुस्तक भी लिख चुके हैं।
क्या है नई तस्वीर में : दरअसल, जो नई तस्वीर लगाई गई है, उसमें आचार्य चाणक्य, महाभारत का एक दृश्य जिसमें श्रीकृष्ण अर्जुन के सारथी बने हुए हैं, कुछ टैंक, सेना के वाहन, हेलीकॉप्टर आदि दिखाई दे रहे हैं। इस फोटो में एक झील भी दिखाई दे रही है, जिसमें कुछ बोट भी हैं। एक्स पर कई लोगों ने सवाल किया कि आखिर ऐसा क्यों किया गया, जबकि कुछ लोगों ने इस घटना को दुखद बताया है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala