कोलकाता। चक्रवात 'यास' के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में बुधवार को पानी भर गया तथा नारियल के पेड़ों के शिखरों को छूतीं समुद्र की लहरें और बाढ़ के पानी में बहती कारें दिखाई दीं।
चक्रवात के कारण समुद्र में दो मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं और पूर्व मेदिनीपुर में दीघा एवं मंदारमणि और दक्षिण 24 परगना में फ्रेजरगंज और गोसाबा चक्रवात से प्रभावित हुए। अधिकारियों ने बताया कि बढ़ते जलस्तर के कारण दोनों तटीय जिलों में कई स्थानों पर तटबंध टूट गए, जिसके कारण कई गांव और छोटे कस्बे जलमग्न हो गए। विद्याधारी, हुगली और रूपनारायण समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।
सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य पुलिस एवं स्वयंसेवक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। सेना ने पश्चिम बंगाल प्रशासन की मदद के लिए 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं। इनमें एक कॉलम ने दीघा में फंसे 32 लोगों को बचाया।
मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा और झाड़ग्राम, बांकुड़ा, दक्षिण 24 परगना जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है। विभाग ने बताया कि यास के कारण पुरुलिया, नदिया, मुर्शिदाबाद, पूर्व वर्द्धमान, हावड़ा, हुगली, कोलकाता, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश होगी।
पिछले 24 घंटे में सुबह 8.30 बजे तक दीघा में 5.5 सेंटीमीटर, डायमंड हार्बर में 3.3 सेंटीमीटर और हल्दिया में 3.2 सेंटीमीटर हुई बारिश हुई। कोलकाता में 2.24 सेंटीमीटर बारिश, साल्ट लेक में 3.05 सेंटीमीटर बारिश, कांथी में 5.42 सेंटीमीटर और कलाईकुंडा में 2.2 सेंटीमीटर बारिश हुई। पश्चिम बंगाल में 15 लाख लोगों को संवेदनशील क्षेत्रों से सुरक्षित शरणस्थलों में पहुंचाया गया है। (भाषा)