वायनाड के गांवों में भूस्खलन से तबाही, पल भर में बदल गई इन 4 गांवों की तस्वीर
मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर गांव कह रहे हैं तबाही की कहानी
wayanad land slide : केरल के वायनाड में ऊंचाई पर स्थित गांवों में मंगलवार को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं के बाद तबाह हुए मकान, उफनती नदियां और उखड़े हुए पेड़ों के दृश्य दिखाई दिए। सोमवार तक अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की अब भूस्खलन की चपेट में आने के बाद तस्वीर बदल गई है और अन्य हिस्सों से उनका संपर्क टूट गया है।
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अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं। यहां भूस्खलन के बाद बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा जा सकता है।
उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे और विनाश हो रहा है।
भूस्खलन की घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और बाढ़ के पानी ने हरे-भरे क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है।
पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं। बचाव कार्यों में जुटे लोगों को भारी बारिश के बीच शवों और घायलों को एम्बुलेंस तक ले जाते हुए देखा जा सकता है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के अनुसार, वायनाड जिले में भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। 6 शवों को मेप्पडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 5 को एक निजी मेडिकल कॉलेज में लाया गया।
प्रधानमंत्री ने वायनाड में हए भूस्खलन में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे। (इनपुट भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta