नई दिल्ली। केरल के तट पर समय से पहले दस्तक देने और मुंबई में समय से पहले पहुंचने के बाद अब दक्षिण पश्चिम मानसून कमजोर पड़ गया है तथा अगले छह-सात दिन तक उसके आगे बढ़ने की उम्मीद नहीं है। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ तथा वायुमंडल में निचले स्तर पर चक्रवातीय हवाओं के कारण उत्तर भारत में बारिश के आसार बने हैं।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि मानसून का पैटर्न कमजोर बने रहने के कारण अगले छह-सात दिन तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। अभी मानूसन (पश्चिम से पूर्व) ठाणे और मुंबई, अहमदनगर, बुलधाना, अमरावती, गोंडिया, तितलागढ़, कटक, मिदनापुर, गोअलपारा और बागडोगरा तक पहुँचा है।
उल्लेखनीय है कि इस बार मानसून समय से पहले 29 जून को ही केरल तट पर पहुंच गया था। इसके बाद दक्षिण भारत और मुंबई में भारी बारिश हुई। मुंबई में भी यह समय से पहले पहुंचा था। पिछले चार-पांच दिन में इसकी प्रगति कुछ सुस्त रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, 01 से 16 जून के बीच देश भर में औसतन 72.4 मिलिमीटर बारिश हुई है जो इसी अवधि के दीर्घावधि औसत (67.1 मिलिमीटर) से आठ प्रतिशत अधिक है। विभाग ने इस साल मानसून के सामान्य रहने तथा दीर्घावधि औसत के 97 प्रतिशत बारिश का पूर्वानुमान जताया है। जून से सितंबर तक मानसून का मौसम माना जाता है।
उत्तर भारत को मिलेगी धूल से राहत : उत्तर भारत में अगले 48 घंटे में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ तथा वायुमंडल में निचले स्तर पर चक्रवातीय हवाओं के कारण बारिश के आसार बने हैं। इससे क्षेत्र में पांच दिन से छाये धूल के बादल और इस कारण बढ़े प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है। (वार्ता)