नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली शीतलहर की चपेट में है और आज यहां न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रविवार को कई इलाकों में कोहरा छाया रहा। देश के उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ समेत कई राज्यों में शीतलहर, कोहरा और ठंड बरकरार है, जिसका असर ट्रेनों की रफ्तार पर भी पड़ रहा है। उत्तर भारत में कोहरे और ठंड का सितम कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
हिमालयी क्षेत्रों में रुक-रुककर बर्फबारी का दौर जारी है। देश के उत्तरी और मध्य हिस्से में खुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाओं का दौर अगले 2 दिन जारी रहेगा। इसके कारण पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और कच्छ के क्षेत्रों में सर्द हवाएं अगले दो दिनों तक चलेंगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी शीतलहर की चपेट में है और यहां न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि आकाश साफ रहने और धूप निकलने से लोगों को राहत मिल सकती है। यहां अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है।
इस सप्ताह यह चौथा दिन है जब दिल्ली शीतलहर की चपेट में है। मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान के चार डिग्री सेल्सियस से कम होने पर शीतलहर की घोषणा की जाती है। दिल्ली में जनवरी में सात दिन शीतलहर चली जो 2008 के बाद इस महीने में सर्वाधिक ऐसे दिन हैं।
इस साल जनवरी में शीतलहर वाले दिन 2008 के बाद से सर्वाधिक रहे, 2008 में जनवरी में शीतलहर वाले दिन 12 थे।वर्ष 2019 और 2020 में इस महीने में शीतलहर का केवल एक दिन रहा था। दिल्ली में जनवरी, 2013 में शीतलहर वाले छह दिन थे। केवल एक पश्चिमी विक्षोभ ने इस जनवरी में पश्चिमोत्तर के मैदानी भागों को प्रभावित किया। फलस्वरूप अधिकतर दिनों में रात में बादल नहीं रहे और अधिक शीतलहर वाले दिन रहे।
दरअसल बादल वायुमंडल से लौटने वाली कुछ अवरक्त (इंफ्रारेड) किरणों को अवशोषित कर लेते हैं, फलस्वरूप धरातल गर्म रहता है। रविवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर चलती रही और पारा 3.1 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। पिछले एक सप्ताह में शीतलहर का यह चौथा दिन है।
राजस्थान के एकमात्र पर्वतीय पयर्टन स्थल माउंट आबू में पारा लगातार जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है जहां बीती शनिवार रात यह शून्य से नीचे 2.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के अन्य इलाकों में भी सर्दी का जोर जारी है। बीते चौबीस घंटे में न्यूनतम तापमान भीलवाड़ा में 2 डिग्री, सीकर-चुरू में 3-3 डिग्री, डबोक में 3.6 डिग्री, पिलानी-अलवर में तापमान 3.9-3.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं गंगानगर-भरतपुर में न्यूनतम तापमान 4.9-4.9 डिग्री, वनस्थली में 5 डिग्री, करौली में 5.8 डिग्री, अजमेर में 6.2 डिग्री, जोधपुर में 6.5 डिग्री, कोटा में 6.6 डिग्री, बाडमेर में 8.5 डिग्री, जैसलमेर-बीकानेर में तापमान 10.5-10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। माउंट आबू में बीते कई दिन से न्यनूतम तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है। वहीं आगामी 4-5 फरवरी को जयपुर, भरतपुर व बीकानेर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की भी संभावना जताई है।
उत्तर पश्चिम भारत, गंगा के मैदानी क्षेत्रों, पूर्वी भारत और मध्य भारत में लगातार चल रही उत्तर-पश्चिमी ठंडी और शुष्क हवाओं के कारण भीषण सर्दी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। रविवार को भी मैदानी राज्यों में सबसे ठंडा शहर रहा मध्य प्रदेश का पंचमढ़ी, जहां न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश के जबलपुर, दतिया, सतना, रीवा, अबगांव, खंडवा, खजुराहो, गुना, दमोह, भोपाल, उमरिया, रतलाम, मंडला, उज्जैन, मालंजखंड, रायसेन और होशंगाबाद शीतलहर से प्रभावित हैं।
अभी ठंड के तीखे तेवर दो-तीन दिन तक और बने रह सकते हैं। इसके बाद फरवरी की शुरुआत में एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ने के आसार हैं। उत्तर भारत के पहाड़ों पर अभी भी बर्फ जमी हुई है। साथ ही तीन दिन से लगातार हवाओं का रुख उत्तरी और उत्तर-पूर्वी बना हुआ है।लगभग 14 किलोमीटर की औसत रफ्तार से चल रही हवाओं के कारण राजधानी सहित पूरे मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। 3 फरवरी को एक अन्य अधिक तीव्रता वाला पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में प्रवेश करेगा इससे राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बादल छाने की संभावना है।
कश्मीर घाटी सहित लद्दाख में भीषण ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग विभाग के मुताबिक, यहां कुछ अलग-अलग हिस्सों में एक फरवरी से हल्की बर्फबारी के आसार हैं। 1 से 4 फरवरी के बीच यहां बादल छाए रहेंगे। 31 जनवरी और 1 फरवरी को यहां के कुछ अलग-अलग हिस्सों में हल्की बर्फबारी की भी संभावना जताई जा रही है। 2 और 3 फरवरी में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है।
कश्मीर घाटी में हाड़ कंपा देने वाली ठंड की 40 दिन की अवधि यानी चिल्लई कलां रविवार को समाप्त हो गया और श्रीनगर में न्यूनतम तापमान पिछले 30 साल में सबसे कम दर्ज किया गया। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में शनिवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 8.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। यह 1991 के बाद से अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान है।
श्रीनगर में 13 जनवरी को तापमान शून्य से 8.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि काजीगुंड में तापमान शून्य से 10.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के मशहूर पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से आठ डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। दक्षिणी कश्मीर के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 12 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। घाटी में तेज ठंड की वजह से जलस्रोत जम गए हैं और पाइपलाइनों में भी पानी जम गया है।
बिहार में बर्फीली हवाओं के प्रवाह से हाड़ कंपाने वाली ठंड की स्थिति बनी हुई है। राज्य के अधिकतर हिस्से कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। मौसम विभाग ने सूबे में दो फरवरी तक ऑरेंज अलर्ट जारी कर लोगों को सचेत रहने की अपील की है। मौसमविदों के मुताबिक, अगले दो तीन दिनों तक सूबे में मौसम की यही स्थिति रहने वाली है।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तर पश्चिम दिशा से आ रही तेज रफ्तार हवाओं के बहने से कहीं शीत दिवस तो कहीं शीतलहर के हालात बने हैं। पटना, मुजफ्फरपुर और छपरा में पिछले 24 घंटे में गंभीर शीत दिवस की स्थिति रही। गया और भागलपुर को न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे रहने की वजह शीतलहर से प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।