नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि 2 दिन की देरी के बाद, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने गुरुवार को केरल में दस्तक देकर देश में 4 महीने के बारिश के मौसम की शुरुआत कर दी है। पिछले 6 वर्षों में यह तीसरी बार है जब मानसून देर से आया है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल के दक्षिणी हिस्सों में शुरुआत कर दी है।
केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत सामान्यत: एक जून को होती है। मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले दो दिनों में दक्षिण अरब सागर और मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, केरल के शेष हिस्सों, लक्षद्वीप, तमिलनाडु के कुछ भागों, पुडुचेरी, तटीय एवं कर्नाटक के अंदरुनी दक्षिणी हिस्सों, रायलसीमा और दक्षिण एवं मध्य बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ेगा।
पिछले छह वर्षों में यह तीसरी बार है जब मानसून देर से आया है। 2016 और 2019 में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल के ऊपर आठ जून को दस्तक दी थी। आईएमडी ने इससे पहले केरल में 31 मई के आसपास मानसून के दस्तक देने का अनुमान जताया था।
निजी मौसम पूर्वानुमान केंद्र, स्काईमेट ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल के ऊपर 30 मई को दस्तक दी थी। हालांकि आईएमडी ने कहा कि मानसून की शुरुआत की घोषणा करने के लिए स्थितियां पूर्ण नहीं थीं।
आईएमडी के मुताबिक, केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत होने की घोषणा के लिए तीन मापदंड पूरे होने चाहिए- अगर 10 मई के बाद, मिनिकोय, अमिनी, तिरुवनंतपुरम, पुनालूर, कोल्लम, अल्लपुझा, कोट्टायम, कोच्चि, त्रिशूर, कोझिकोड, तालचेरी, कन्नूर, कुडुलू और मैंगलोर समेत 14 केंद्रों में से 60 प्रतिशत केंद्र लगातार दो दिन 2.5 मिलीमीटर या उससे ज्यादा वर्षा दर्ज करते हैं तो केरल में मानसून पहुंचने की दूसरे दिन घोषणा की जा सकती है बशर्ते दो अन्य मापदंड भी साथ-साथ पूरे हो रहे हों।
इस बारिश के साथ हवा की गति भी देखी जानी चाहिए। भूमध्य रेखा में अक्षांश 10-डिग्री उत्तर और देशांतर 55 डिग्री से 80-डिग्री पूर्व में, पश्चिमी हवाओं की गति 600 हेक्टोपास्कल (एचपीए) तक होनी चाहिए। मौसम विभाग ने कहा कि आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) 200 वाट प्रति वर्गमीटर (डब्ल्यूएम-2) अक्षांश 5-10 डिग्री उत्तर और देशांतर 70-75 डिग्री पूर्व में सीमित होना चाहिए।
आईएमडी ने कहा कि ये सभी मापदंड गुरुवार को पूरे हुए। मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम मानसून 2021 के लिए अपने दूसरे पूर्वानुमान में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य रह सकता है, मध्य भारत में इसके सामान्य से ऊपर और पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है।
अच्छा मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम है, जो अब भी बहुत हद तक कृषि एवं संबंधित गतिविधियों पर आधारित है। मौसम विभाग ने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश के मौसम के दौरान सामान्य से लेकर सामान्य से ऊपर बारिश होने का अनुमान है।
हालांकि आईएमडी ने कहा कि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत जैसे बिहार के पूर्वी हिस्सों, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, दक्षिण पश्चिम प्रायद्वीपीय भारत, केरल के कुछ हिस्से, तटीय कर्नाटक और महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु के कुछ अंदरुनी इलाकों में सामान्य से कम बारिश का अनुमान है।(भाषा)