कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को हड़ताली डॉक्टरों की सभी मांगें मानते हुए उनसे काम पर लौटने की अपील की है। हालांकि डॉक्टरों की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हमने उनकी सभी मांगें मान ली हैं। मैंने अपने मंत्रियों, चीफ सेक्रटरी को डॉक्टरों से मिलने के लिए भेजा था, उन्होंने 5 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन डॉक्टर नहीं आए।
उन्होंने कहा कि से गरीबों का इलाज नहीं हो पा रहा है। मैं कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने जा रही हूं। ममता ने कहा कि राज्य ने निजी अस्पताल में भर्ती जूनियर डॉक्टर के मेडिकल ट्रीटमेंट के सभी खर्चों को वहन करने का निर्णय सरकार ने लिया है।
इससे पहले समस्या का समाधान निकालने के लिए 5 वरिष्ठ डॉक्टरों ने शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। बाद में सुश्री बनर्जी ने मुद्दे पर चर्चा करने के लिए जूनियर डॉक्टरों को शनिवार शाम 5 बजे राज्य सचिवालय 'नाबन्ना' आमंत्रित किया, लेकिन डॉक्टरों ने ममता की पेशकश को ठुकरा दिया।
जूनियर डॉक्टरों ने घोषणा की है कि वे सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सुश्री बनर्जी राज्य की संरक्षक हैं और उन्हें यहां आना चाहिए। हम बातचीत के लिए तैयार हैं और हम समाधान निकालने के लिए भी तैयार हैं।
पश्चिम बंगाल में अब तक 973 से ज्यादा डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के 175 डॉक्टर भी शामिल हैं, जो सामूहिक रूप से इस्तीफा दे चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वे हिंसा और धमकियों के माहौल में काम नहीं कर सकते।