West Nile Fever का खतरा, केरल में Alert, 80 प्रतिशत केस में नहीं दिख रहे लक्षण, कैसे करें इलाज
मच्छरों से केरल में फैल रही है यह भयानक बीमारी, जानें इसके गंभीर लक्षण और बचाव के उपाय
वेस्ट नाइल फीवर क्या है?
यह बीमारी 'क्यूलेक्स' नामक मच्छर के काटने से होती है। यह बीमारी फ्लेविवायरस के कारण होती है जो संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। यह वायरस पक्षियों और जानवरों में भी पाया जाता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, दस्त और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं।
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यह कोई नई बीमारी नहीं है क्योंकि इसके मामले अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मिले हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वेस्ट नाइल फीवर के 80% मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं।
वेस्ट नाइल फीवर के लक्षण क्या हैं?
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बुखार
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सिरदर्द
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थकान
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मांसपेशियों में दर्द
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उल्टी
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दस्त
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त्वचा पर चकत्ते
गंभीर मामलों में कुछ अन्य लक्षण शामिल हैं:
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मेनिन्जाइटिस
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इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन)
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मस्तिष्क पक्षाघात
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मृत्यु
वेस्ट नाइल फीवर के बचाव के उपाय:
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मच्छरों से बचाव।
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पूरी बांहों के कपड़े और लंबी पैंट पहनें।
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मच्छर रोधक क्रीम का इस्तेमाल करें।
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घरों में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
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जमा पानी को जमा न होने दें।
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बुखार, सिरदर्द या उल्टी होने पर डॉक्टर से मिलें।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वेस्ट नाइल फीवर के 10 में से 6 मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। इसलिए, यदि आपने हाल ही में किसी ऐसे क्षेत्र की यात्रा की है जहां वेस्ट नाइल फीवर का प्रकोप है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, भले ही आपको कोई लक्षण न दिख रहे हों।
स्वास्थ्य विभाग लोगों से सतर्कता बरतने और बचाव के उपाय करने की अपील कर रहा है। यदि आपको कोई लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।