नई दिल्ली। कालेधन पर शिकंजा कसने की दिशा में मोदी सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर वांछित सफलता नहीं मिली। एक बार फिर मोदी सरकार ब्लैकमनी रखने वालों को एक और मौका देने की तैयारी कर रही है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में पेश किए गए बजट में इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 2016 को फिर शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि यह स्कीम उन लोगों के लिए ही खोली जाएगी, जिन्होंने इस स्कीम के तहत अपनी बेहिसाब संपति का खुलासा तो किया था, लेकिन तय समय कर टैक्स, सरचार्ज और पेनाल्टी का भुगतान करने में विफल रहे।
क्या है इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 2016 : मोदी सरकार ने 1 जून 2016 को इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (आईडीएस), 2016 लॉन्च की थी। यह स्कीम एक जून 2016 से शुरू होकर 30 सितंबर 2016 तक चली थी। इसके तहत सरकार ने आयकरदाताओं को अपने रिटर्न में ऐसी संपत्तियों या आय का खुलासा करने का अवसर दिया था, जिसका उल्लेख उन्होंने अपने पुराने आयकर रिटर्न्स में नहीं किया हो। इस योजना के तहत जिन लोगों ने अपनी अघोषित आय का खुलासा किया था, उन पर आयकर, पेनल्टी और सेस लगाने का प्रावधान किया गया था।
हुआ था 65 हजार करोड़ की संपत्ति का खुलासा : उस समय 64275 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाकर लगभग 65000 करोड़ की संपत्ति घोषित कर दी थी। आईडीएस 2016 के तहत अघोषित आय घोषित करने पर 30 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना था। इस पर 25 फीसदी सरचार्ज के साथ ही टैक्स का 25 फीसदी पेनल्टी के रूप में चुकाना था। उस समय वित्त मंत्री जेटली ने कहा था कि 4 महीने के वक्त के बाद भी यदि कोई कर नहीं चुकाता और कर चोरी पकड़ी जाती है तो 90 प्रतिशत टैक्स वसूली के साथ ही उसे 7 साल तक की सजा भी हो सकती है।
क्यों असफल रही थी यह स्कीम : इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 2016 के तहत हजारों लोगों ने अपने कालेधन का खुलासा तो किया लेकिन इन्होंने तय समय पर टैक्स, सरचार्ज और पेनल्टी नहीं चुकाई। इस वजह से उन्हें इसका लाभ भी नहीं मिल सका। अब सरकार ने इन लोगों को एक और मौका देना का फैसला किया है।
सरकार क्यों दे रही है एक और मौका : बजट में दिए गए प्रस्ताव के अनुसार, कालाधन रखने वालों को हर महीने 1 फीसदी ब्याज के साथ बकाया रकम चुकाने अवसर दिया जाएगा। इसके लिए समय की अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी। इनकम डिक्लेरेशन स्कीम 2016 में बेहिसाब संपत्ति का खुलासा करने वालों को एक और मौका दिया जाएगा।
अब सवाल यह उठ रहा है कि इन लोगों को सरकार यह मौका क्यों दे रही है? संभवत: इसका एक बड़ा कारण कालेधन पर शिकंजा कसने में सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली सफलता ही है। अब स्विट्जरलैंड जैसे देश भी अपने यहां जमा कालेधन पर शिकंजा कस रहे हैं। साथ ही उन लोगों के नामों का भी खुलासा हो रहा है जिनका पैसा इस देश भी जमा है।