बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार किए गए पीएफआई सदस्यों के बारे में ऐसी बातें सामने आ रही हैं जो हैरान करने वाली हैं।पुलिस 'भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी मॉड्यूल' के भंडाफोड़ का दावा कर रही है। पुलिस ने विस्तार से बताया कि PFI का गजवा-ए-हिंद और कश्मीर से भी कनेक्शन था।
खबरों के अनुसार, पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से पीएफआई के साथ संबंध रखने वाले 2 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद से बिहार पुलिस 'भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी मॉड्यूल' का भंडाफोड़ करने का दावा कर रही है। आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में बिहार पुलिस ने खुलासा किया कि उन्होंने 5 अलग-अलग अहम दस्तावेज जब्त किए हैं।
पीएफआई के ये सदस्य राज्य की राजधानी में कश्मीर और जिहाद को लेकर बड़ी साजिश रच रहे थे। पुलिस ने इस बारे में विस्तार से बताया कि पटना में एक्टिव इस पीएफआई का गजवा-ए-हिंद और कश्मीर से भी कनेक्शन था। बीती रात पुलिस ने एक और आरोपी मारगुव अहमद दानिश उर्फ ताहिर को गिरफ्तार किया। वह 2006 से 2020 तक दुबई में काम कर चुका है।
पटना के एसएसपी एमएस ढिल्लन के मुताबिक, आरोपी के फोन नंबर की पूरी जांच करने के बाद पता चला कि वह देश विरोधी सामग्रियों को भेजा करता ता। वह गजवा-ए-हिंद नाम के व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ा हुआ था जहां देश विरोधी बातें हुआ करती थीं और जानकारियों साझा की जाती थीं।
ढिल्लन के मुताबिक, व्हाट्सऐप ग्रुप पर आतंक का समर्थन करने वाली पोस्ट लिखकर लोगों को भड़काया जाता था। इसके टारगेट पर कश्मीर के युवा होते थे। ये 2023 में सीधा जिहाद करने की योजना बना रहे थे।
आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में, बिहार पुलिस ने खुलासा किया कि उन्होंने पांच अलग-अलग अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। इन दस्तावेजों में भारत को 2047 तक इस्लामिक शासन की ओर ले जाने का जिक्र किया गया है। इसके लिए उन्होंने दस्तावेजों में पुख्ता प्लानिंग भी बनाई।
पीएफआई दस्तावेज में लिखा है, पार्टी सहित हमारे सभी फ्रंटल संगठनों को नए सदस्यों के विस्तार और भर्ती पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हम अपने पीई विभाग में सदस्यों की भर्ती और ट्रेनिंग शुरू करेंगे, जिसमें उन्हें हमला करने और बचाव तकनीकों, तलवारों, छड़ों और अन्य हथियारों के इस्तेमाल पर ट्रेनिंग दी जाएगी।