Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्या है दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति, नई जानकारी आई सामने

हमें फॉलो करें क्या है दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति, नई जानकारी आई सामने
नई दिल्ली , मंगलवार, 7 नवंबर 2023 (23:53 IST)
Pollution in Delhi: दिल्ली में लगातार 5 दिन तक वायु गुणवत्ता के 'गंभीर' श्रेणी में रहने के बाद मंगलवार सुबह प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी देखी गई पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। निगरानी एजेंसियों ने यह जानकारी दी।
 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 395 रहा, जो सोमवार के 421 से कम है। पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के कई शहरों में भी हानिकारक वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। गाजियाबाद में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 342, गुरुग्राम में 364, नोएडा में 355, ग्रेटर नोएडा में 457 और फरीदाबाद में 374 दर्ज किया गया।
 
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, 8 नवंबर को हवा की गुणवत्ता और खराब होने तथा इसके 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने के आसार हैं, जबकि नौ और 10 नवंबर को इसके 'बेहद खराब' श्रेणी में रहने की आशंका है। वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने पहले 5 से 6 दिन और वायु गुणवत्ता के गंभीर रहने की आशंका जताई थी।
 
एक बुलेटिन में कहा गया कि दिल्ली में 8 नवंबर को सुबह उत्तर-पश्चिम दिशा से 4-12 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा के आने तथा दोपहर/शाम तक आंशिक रूप से बादल छाए रहने और धुंध छाए रहने के आसार हैं। अलग-अलग दिशाओं से आ रही हवा के कारण 9 नवंबर की रात दिल्ली में एक या दो स्थानों पर बहुत हल्की बारिश का अनुमान है।
 
प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आने के बावजूद पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से 8 गुना अधिक रही। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित स्वस्थ सीमा (15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से 30 से 40 गुना अधिक है।
 
दिल्ली सरकार ने दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता के और बिगड़ने की आशंका के कारण चार साल बाद सम-विषम कार योजना लागू करने की सोमवार को घोषणा की। इस योजना के तहत सम या विषम पंजीकरण संख्या वाली कारों को वैकल्पिक दिनों (एक दिन छोड़कर एक दिन) पर चलाने की अनुमति दी जाती है।
 
शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान और 'एविडेंस फॉर पॉलिसी डिजाइन' ने 2016 में सम-विषम नीति के असर का विश्लेषण किया था और यह पाया था कि दिल्ली में उस साल जनवरी में यह नीति लागू किए जाने के दौरान पीएम 2.5 के स्तर में 14-16 फीसदी की कमी देखी गई। हालांकि, उसी साल जब अप्रैल में यह नीति फिर से लागू की गई तो प्रदूषण में कोई कमी नहीं देखी गई।
 
स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने 10 नवंबर तक सभी स्कूलों में कक्षाओं को बंद करने और केवल ऑनलाइन कक्षाओं को अनुमति देने का फैसला किया है। केवल बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 10वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्रों पर यह लागू नहीं होगा
 
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर राजेश चावला ने कहा कि दिल्ली की प्रदूषित हवा में सांस लेना एक दिन में लगभग 10 सिगरेट पीने के हानिकारक प्रभावों के बराबर है। चिकित्सक ने बताया कि लंबे समय तक उच्च स्तर के प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, फेफड़ों तक सांस ले जाने वाली नलियों में सूजन और सांस से संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं तथा हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है।
 
दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की 'क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना' (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप) के अंतिम चरण के तहत जरूरी सभी सख्त पाबंदियों को भी लागू किया गया है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हेरोइन जब्ती को लेकर NIA ने 3 राज्यों के 8 ठिकानों की ली तलाशी