कुन्नूर। तमिलनाडु के कुन्नूर के निकट बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी शिवकुमार को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि गंभीर संकट में फंसा सेना का जो अधिकारी उससे पानी मांग रहा है, वह देश के शीर्ष सैनिक और पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत हैं।
ऐसी आशंका है कि हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जनरल रावत गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उनका निधन हो गया। सामाजिक कार्यकर्ता शिवकुमार सबसे पहले दुर्घटनास्थल पर पहुंचने वालों में शामिल थे, जहां बुधवार को सीडीएस रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य को ले जा रहा हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया था। हेलीकॉप्टर में सवार जनरल रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति ही जीवित बच पाया।
शिवकुमार ने बताया कि दुर्घटना के संबंध में एक रिश्तेदार का फोन आने के बाद वह घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर से आग की लपटें निकल रही थीं और यह स्पष्ट हो चुका था कि हम सबको नहीं बचा सकते।
उन्होंने कहा कि जलते हुए हेलीकॉप्टर से तीन लोग बाहर कूदे और इलाके में मौजूद लोग घायलों को बचाने के लिए संसाधनों की तलाश में जुट गए। वे एक-एक करके उन्हें बाहर निकालते हुए एंबुलेंस तक ले गए।
शिवकुमार ने बताया, हमने देखा कि उनमें से तीन लोग जिंदा थे। पुलिस निरीक्षक के आने पर भी हमने उन्हें स्थानांतरित करने के लिए कंबल और अन्य उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया। हम उन्हें वहां से स्थानांतरित करने की कोशिश में लगे हुए थे तब मैंने दूसरे व्यक्ति से कहा कि हम बचावकर्ता यहां पहुंच गए हैं और आप शांत हो जाएं, तभी उनमें से एक ने मुझसे थोड़ा पानी देने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि तीसरा व्यक्ति यह सुन पा रहा था कि बचावकर्ता क्या बोल रहे हैं, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद सेना के एक अधिकारी ने शिवकुमार को रावत की एक तस्वीर दिखाई और बताया कि वह कौन हैं।(भाषा)