CAA rules : लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर देशभर में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) 2019 लागू कर दिया। हालांकि यह कानून पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश जनजातीय क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। इनमें संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष दर्जा प्राप्त क्षेत्र भी शामिल हैं।
कानून के मुताबिक, इसे उन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा जहां देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) की आवश्यकता होती है। आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है।
अधिकारियों ने नियमों के हवाले से कहा कि जिन जनजातीय क्षेत्रों में संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्त परिषदें बनाई गई हैं, उन्हें भी सीएए के दायरे से बाहर रखा गया है। असम, मेघालय और त्रिपुरा में ऐसी स्वायत्त परिषदें हैं।
सीएए के लागू होने से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
असम में विरोध : असम में विपक्षी दलों ने सोमवार को विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)-2019 को लागू करने पर भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना की। वहीं, राज्यभर में सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
वहीं, 16 दल वाले संयुक्त विपक्षी मंच, असम (यूओएफए) ने मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा भी की है। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) ने केंद्र के इस कदम के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री ने पूरा किया वादा : भाजपा ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लागू करने के कदम के लिए केंद्र की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपना वादा निभाया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जो कहते हैं, सरकार उसे पूरा करती है। उन्होंने इस मानवीय फैसले के लिए मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सराहना की।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 11 मार्च 2024: एक ऐतिहासिक दिन जब सीएए मोदी की गारंटी के साथ एक वास्तविकता बन गया। (इनपुट : भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta