नई दिल्ली। आधार केवाईसी के नियम ‘आधार’ कार्ड पर घर का पता बदलने के लिए नहीं, बल्कि बैंक खाता खोलने के लिए सरल बनाए गए हैं।
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने मनी-लॉन्ड्रिंग की रोकथाम (रिकॉर्ड का रखरखाव) नियम (पीएमएलआर), 2005 में संशोधन के लिए जारी अधिसूचना के संदर्भ में आधार केवाईसी के उपयोग के बारे में गुरूवार को स्पष्टीकरण देते हुए यह जानकारी दी।
राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया है कि आधार केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के उपयोग को आसान बनाने से संबंधित उसकी अधिसूचना ऐसे लोगों को बैंक खाता खोलने में सुविधा देने से संबंधित है जो अक्सर रोजगार अथवा किसी अन्य कारण से किसी एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाते हैं।
राजस्व विभाग का कहना है कि आधार कार्ड पर घर का पता बदलने के लिए इन नियमों को आसान नहीं किया गया है, जैसा कि मीडिया में खबर आई है।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि संशोधित पीएमएलआर आधार कार्ड पर घर का पता बदलने के लिए नहीं, बल्कि केवल बैंक खाता खोलने के लिए आधार केवाईसी से जुड़े प्रयोजन पर लागू होता है। यदि कोई व्यक्ति अपने रोजगार के सिलसिले में अपना निवास एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलता है और नया बैंक खाता खोलने या अपनी बैंक शाखा को बदलने, इत्यादि के लिए उसे आधार केवाईसी के उपयोग की जरूरत पड़ती है, तो वह अपने आधार कार्ड पर घर के मूल पते को बरकरार रखते हुए नए पते के बारे में स्व-घोषणा को दर्ज कर सकता है।
उन्होंने कहा कि पीएमएलआर में संशोधन से उन लोगों के लिए बैंक खाता खोलना आसान हो गया है, जो आधार कार्ड पर दर्ज पते से अलग किसी और पते पर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो बैंकों में केवाईसी के रूप में अपने घर के अलग पते वाला आधार कार्ड पेश करते हैं, वे अब स्व–घोषणा करके अपना स्थानीय पता दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस संशोधन के साथ ही घर के स्थानीय पते अथवा आधार कार्ड पर दर्ज घर के पते के अलावा किसी अन्य पते के बारे में स्व–घोषणा प्रस्तुत करना ही आधार केवाईसी के साथ बैंक खाता खोलने के लिए पते के प्रमाण के रूप में पर्याप्त होगा। इस संशोधन से विशेषकर निवास अन्यत्र ले जाने वाले लोगों को काफी सुविधा होगी।