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आखिर क्‍यों और कैसे क्रैश हुआ रूस का लूना- 25, क्‍या होगा चंद्रयान- 3 का ?

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, सोमवार, 21 अगस्त 2023 (15:03 IST)
luna 25 and chandrayaan 3 :
रूस के लूना-25 के चांद से टकराकर क्रैश होने के बाद अब भारत और पूरी दुनिया की नजर भारत के चंद्रयान- 3 पर है। चंद्रयान चांद के बहुत करीब पहुंच गया है और सोमवार को चंद्रयान ने चांद के बहुत करीब की तस्‍वीरें भी भेजी हैं। इसरो के मुताबिक चंद्रयान के 23 अगस्‍त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडिंग करने की उम्‍मीद है। इस बीच रिपोर्ट आ रही है कि आखिर रूस का लूना-25 क्‍यों और कैसे क्रैश हुआ।

क्‍यों फेल हुआ लूना-25 : लूना -25 के फेल होने के पीछे की जो वजहें सामने आ रही हैं, उनमें कहा जा रहा है कि चांद के अंतिम कक्षा में लूना-25 को स्थापित करने से पहले ही उसमें तकनीकी खामी आ गई थी। वहीं दूसरी तरफ चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद के सबसे छोटे कक्ष में 25 किलोमीटर की न्यूनतम ऑर्बिट में पहुंच चुका है।
दरअसल, दोनों ही चंद्र मिशनों का लक्ष्य चांद के उस दक्षिणी हिस्से में उतरना है, जहां आज तक सूरज की किरणें नहीं पहुंची हैं इसलिए दोनों के लिए ही यह कठिन सफर था। लूना-25 को चंद्रयान 3 से तीन दिन पहले ही चांद के दक्षिणी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन रविवार को अचानक खबर आई कि रूस का चंद्र मिशन फेल हो गया है, क्योंकि लूना 25 नियंत्रण खोकर अज्ञात ऑर्बिट में पहुंच गया। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस उससे संपर्क नहीं कर पाई।
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क्‍या कहा रॉसकॉसमॉस ने : रॉसकॉसमॉस की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया कि उपकरण एक अप्रत्याशित कक्षा में चला गया और चंद्रमा की सतह से जा टकराया, जिससे इसका अस्तित्व खत्‍म हो गया। इसके बाद अब भारत समेत पूरी दुनिया की नजर चंद्रयान-3 पर है।

क्‍या सच में चांद से टकराया : हालांकि भारतीय वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि लूना- 25 चांद की सतह से टकराया है या नहीं, इस बारे में फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। रूस की स्पेस एजेंसी ने केवल आकलन किया है कि संभवतः चांद की सतह से टकराकर वह क्रैश कर गया है। इसकी वजह है कि धरती से डीआर्बिटिंग के लिए भेजा गया कमान प्रभावी नहीं हुआ और लूना 25 अज्ञात ऑर्बिट में कहीं गुम हो गया, जिससे संपर्क नहीं हो पा रहा है।

क्‍यों भेजा यह मिशन: वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष मिशन प्रतिद्वंद्विता के लिए नहीं होते और अज्ञात वैज्ञानिक पहलुओं की खोज के असीमित लक्ष्य के साथ लॉन्च किए जाते हैं। चंद्रयान-3 भी रूस अथवा किसी दूसरे देश से प्रतिद्वंदिता के लिए लॉन्च नहीं किया गया है, बल्कि इसका मकसद चांद के उस हिस्से पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है, जहां सूरज की रोशनी आज तक नहीं पहुंची है। यहां का वातावरण कैसा है, खनिज कैसे हैं, इस बारे में रिसर्च ही पहली प्राथमिकता है। इसलिए लूना-25 के क्रैश हो जाने के बावजूद चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर बहुत अधिक आश्वस्त होना जल्दबाजी होगी।
Edited by navin rangiyal

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