गांधीनगर। गुजरात में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले विजय रुपाणी के इस्तीफे से गुजरात की राजनीति में बवाल मच गया। विपक्ष भाजपा पर हमलावर है तो आम जनता के मन में भी सवाल उठ रहा है कि भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री क्यों बदल देती है? पिछले 6 माह में पार्टी 3 राज्यों में 4 मुख्यमंत्री बदल चुकी है। मध्यप्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में भी लंबे समय से इस तरह की अटकलें हैं।
बहरहाल माना जा रहा है कि भाजपा विजय रूपाणी के ऊपर दांव नहीं लगाना चाहती थी। राजनीतिक हल्कों में यह भी चर्चा है कि हाल ही में हुई जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान जनता से मिले फिडबैक और 2017 में हुए गुजरात चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी ने यह फैसला किया है। राज्य में 1995 से भाजपा की सरकार है। ऐसे में पार्टी को कही ना कही एंटी इनकमबैंसी का भी डर सता रहा है।
बीच में पद छोड़ने वाले गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री : विजय रुपाणी बीच कार्यकाल में पद छोड़ने वाले गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री हैं। उनसे पहले डॉ.जीवराज मेहता, बलवंत राय मेहता, धनश्याम ओझा, चिमनभाई पटेल, बाबूभाई पटेल, माधवसिंह सोलंकी, अमरसिंह चौधरी, छबीलदास मेहता, केशुभाई पटेल, सुरेश चंद्र मेहता, शंकर सिंह वाघेला, दिलीप भाई पारिख और आनंदीबेन पटेल को भी बीच कार्यकाल में पद छोड़ना पड़ा था।
क्यों बार-बार सीएम बदलती है भाजपा : वैसे भी जब जब भी भाजपा को लगता है कि राज्य में उसकी पकड़ कमजोर होने लगी है वह डैमेज कंट्रोल के लिए मुख्यमंत्री बदल देती है। रुपाणी को भी 2016 में आनंदी बेन पटेल को हटाकर मुख्यमंत्री बनाया गया था।
सीएम की दौड़ में ये दिग्गज आगे : गुजरात के नए मुख्यमंत्री की दौड़ में जिन नामों पर चर्चा चल रही है उनमें उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया एवं पुरुषोत्तम रूपाला के नाम दौड़ में सबसे आगे हैं। ये सभी पटेल समुदाय से ही आते हैं। आरसी फालदु, गोरधन झड़ाफिया और प्रफुल्ल पटेल का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चल रहा है, लेकिन इस दौड़ में सबसे आगे मांडविया और नितिन पटेल को माना जा रहा है।