खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अपनी ही मां पर भड़क गया है। उसने यहां तक कह डाला है कि वो अपने परिवार को भी छोड़ देगा। दरअसल, अमृतपाल सिंह ने अपनी मां के एक बयान से किनारा कर लिया है और उसने कहा है कि खालसा राज का सपना देखना कोई अपराध नहीं है। बता दें कि अमृतपाल सिंह की मां कहा था कि उनका बेटा खालिस्तान समर्थक नहीं है।
क्या कहा अमृतपाल ने : खडूर साहिब से सांसद सिंह की ओर से शनिवार रात जारी बयान में कहा गया है, जिसमें कहा गया है कि कल जब मुझे माता जी के बयान के बारे में पता चला तो बहुत दुख हुआ। हालांकि, मेरा मानना है कि माताजी ने अनजाने में यह बयान दिया है, फिर भी मेरे परिवार या किसी समर्थक की ओर से ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा- खालसा राज का सपना देखना कोई अपराध नहीं, बल्कि गर्व की बात है। इस सपने को पूरा करने के लिए लाखों सिखों ने अपने प्राणों की आहुति दी और हम इस रास्ते से हटने के बारे में नहीं सोच सकते।
मेरा बेटा खालिस्तानी समर्थक नहीं : शुक्रवार को जब सिंह ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली थी, तब उनकी मां बलविंदर कौर ने अमृतसर में पत्रकारों से कहा था कि उनका बेटा खालिस्तानी समर्थक नहीं है। उन्होंने मांग की थी कि उसे तुरंत रिहा किया जाए, ताकि वह उन मुद्दों पर काम कर सके, जिन पर उसने चुनाव लड़ा था। बाद में कौर ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया।
परिवार को चेतावनी देता हूं : जेल में बंद 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख सिंह ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह एक ऐतिहासिक घटना जैसा है, जिसमें बंदा सिंह बहादुर के साथ आए सिख शहीद हो रहे थे, तब 14 वर्षीय एक युवक की मां ने यह कहकर उसे बचाने की कोशिश की कि वह सिख नहीं है। तब युवक ने कहा कि अगर यह महिला कहती है कि मैं सिख नहीं हूं तो मैं घोषणा करता हूं कि यह मेरी मां नहीं है। बयान में कहा गया है कि मैं अपने परिवार को चेतावनी देता हूं कि वह सिख राज पर समझौता करने के बारे में कभी न सोचे, इसके खिलाफ बोलना तो दूर की बात है। संगत के साथ बातचीत करते समय ऐसी कोई गलती नहीं होनी चाहिए।
क्या कहा था मां ने : अमृतपाल सिंह की मां ने शुक्रवार को एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि वह खालिस्तानी समर्थक नहीं है। पंजाब के अधिकारों की बात करके और पंजाब के युवाओं को (नशे से) बचाने से क्या कोई खालिस्तान का समर्थक बन सकता है। कौर ने कहा था कि उसने संविधान के दायरे में चुनाव लड़ा और शपथ ली। किसी को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। वह पंजाब के मुद्दे उठाएगा और युवाओं को (नशे से) बचाएगा। सिंह और कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए पैरोल दी गई थी। उन्होंने शुक्रवार को शपथ ली थी। उन्होंने सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में शपथ ली थी।
बता दें कि अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले अपराध के लिए असम के डिब्रूगढ़ जिले की जेल में बंद हैं। शपथ ग्रहण के लिए उन्हें चार दिन की हिरासती पैरोल पर असम से दिल्ली लाया गया था। हाल में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 वोटों के अंतर से हराया है. खुद को मारे जा चुके खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी बताने वाले सिंह को नौ साथियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में रखा गया है।
Edited By navin rangiyal/ भाषा