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मानसिक दिव्यांग बालगृह में 8 लोगों का स्‍टाफ, फिर क्‍यों झाडू-पोछा और बाथरूम की सफाई कर रहे बच्‍चे, क्‍यों भागा था गुड्डू?

रविवार को परदेशीपुरा दिव्यांग बालगृह से भागा था एक बच्‍चा, जिम्‍मेदार कर रहे लीपापोती, कहा सब ठीक है

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नवीन रांगियाल

इंदौर के परदेशीपुरा में स्‍थित शासकीय मानसिक दिव्यांग बालगृह से मानसिक रूप से दिव्‍यांग एक बच्‍चे के भागने का मामला सामने आया है। हालांकि बाल गृह के कर्मचारियों ने बच्‍चे को कुछ ही दूरी से पकड़ लिया। दूसरी तरफ बाल गृह के जिम्‍मेदार इस पर सफाई दे रहे हैं कि बच्‍चा सिर्फ बाल गृह के बाहर स्‍थित मंदिर तक गया था। वेबदुनिया की पड़ताल में बाल गृह में कई तरह की लापरवाहियां सामने आ रही हैं।

यहां मानसिक रूप से दिव्‍यांग बच्‍चों से कर्मचारी कई तरह का काम कराते हैं। उनसे स्‍टाफ झाडू-पोछा कराने, अपने कपड़े धुलवाने, रोटी बेलना, बाथरूम, चेंबर साफ कराने और कचरा फिकवाने जैसे काम करवाए जा रहे हैं। वेबदुनिया के पास बच्‍चों से ये तमाम कराने के फोटो और वीडियो मौजूद हैं। बता दें कि हाल ही में इंदौर में युग पुरुष आश्रम में स्‍टॉफ की लापरवाही से 11 बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया था।

वीडियो में दिख रहा बच्‍चे कर रहे काम : वेबदुनिया के पास मौजूद वीडियो फुटेज और फोटो में साफ दिख रहा है कि बच्‍चे आटा गूंथने से लेकर, झाडू लगाने, सफाई करने, बाथरूम साफ करते हैं। सब्‍जी काटते  तक तो ठीक है, लेकिन सफाई जैसे काम बच्‍चों से करवाई जा रहे हैं। बता दें कि यह मानसिक रूप से बिल्‍कुल दिव्‍यांग बच्‍चे हैं। कर्मचारी खड़े रहते हैं और बच्‍चे काम करते हैं। बाल गृह की अधीक्षक नीता गुजरिया को भी इसकी जानकारी है, लेकिन बताया जा रहा है कि वो भी कर्मचारियों को ऐसा करने से रोकती नहीं हैं।

स्‍टाफ कर रहा लीपापोती : जब इस बारे में वेबदुनिया ने बाल गृह के जिम्‍मेदारों से पूछा तो उन्‍होंने बताया कि इस तरह का कोई काम नहीं करवाया जाता है। बाल गृह की अधीक्षक नीता गुजरिया ने बताया कि हम बच्‍चों से उन्‍हें सीखाने के लिहाज से छोटा मोटा काम करवाते हैं, लेकिन सफाई जैसा कोई काम नहीं करवाते हैं। बच्‍चे के भागने के बारे में अधीक्षक नीता गुजरिया ने बताया कि वो भागा नहीं था, मंदिर तक गया था स्‍टाफ उसे वापस ले आया था।

क्‍यों भागा था गुड्डू : इस रविवार को गुड्डू नाम का एक मानसिक दिव्‍यांग बच्‍चा बाल गृह से भाग गया था। उसे हालांकि बाद में पकड़ लिया गया। बताया जा रहा है कि गुड्डू नाम का यह बालक एक बार पहले भी भाग गया था। जिसे बाद में भोपाल से पकड़ा गया। बताया जा रहा है कि बच्‍चे इसी वजह से परेशान हो जाते हैं।

युगपुरुष के बच्‍चे भी हैं यहां : बता दें कि इंदौर के ही युगपुरुष आश्रम धाम के कुछ बच्‍चों को भी यहां कुछ दिनों पहले शिफ्ट किया गया है। युगपुरुष आश्रम में तीन महीने पहले बीमारी के कारण 11 बच्चों की मौत हो गई थी। उसके बाद प्रशासन ने आश्रम की मान्यता निरस्त कर दी। अब शासकीय मानसिक दिव्यांग बालगृह में भी बच्‍चों से काम कराने की गतिविधियां सामने आ रही हैं।

फिर क्‍यों काम कर रहे बच्‍चे : शासकीय मानसिक दिव्यांग बालगृह कुल 40 बच्चे है। इनमें 32 लड़के और 8 लड़कियां हैं। यहां आठ कर्मचारियों का स्टाफ हैं। दो चौकीदार हैं, जबकि खाना बनाने, सफाई के लिए महिला कर्मचारी हैं, लेकिन यहां ज्यादातर काम बच्चों से कराया जाता है। सवाल यह है कि जब यहां पर्याप्‍त कर्मचारी हैं तो फिर बच्‍चों से काम क्‍यों लिया जा रहा है।

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