देशभर में डेंगू कहर बरपा रहा है। इस बीमारी के बारे में सभी जानते हैं कि यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है। इस रोग की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनियाभर में लगभग 40 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। डेंगू से बचाव और उसके उपचार को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।
भारत में हड्डी तोड़ बुखार के रूप में मशहूर डेंगू एक वायरसजनित बीमारी है, जो एडीज मच्छर के काटने से व्यक्ति के शरीर में पहुंचता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें तो हर साल लगभग 5,00,000 लोग डेंगू का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती होते हैं। इसी के चलते राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को डेंगू बुखार के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हर 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।
इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं। इसके मरीज का 2 से 7 दिवस तक तेज बुखार चढ़ता है। लक्षणों में अचानक तेज बुखार, सिर में आगे की और तेज दर्द, आंखों के पीछे दर्द और आंखों के हिलने से दर्द में और तेजी, मांसपेशियों (बदन) व जोड़ों में दर्द, छाती और ऊपरी अंगों पर खसरे जैसे दाने, चक्कर आना, जी घबराना उल्टी आना, शरीर पर खून के चकते एवं खून की सफेद कोशिकाओं की कमी। बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण बडों की तुलना में हल्के होते हैं।
डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है अपने आसपास सफाई बनाकर रखें। डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें। त्वचा को खुला न छोड़ें। एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है। पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें।