Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्यों सफल नहीं हो सका इसरो का ‘EOS-03’ लांचिंग मिशन, उपग्रह से क्या मिलता फायदा...

हमें फॉलो करें क्यों सफल नहीं हो सका इसरो का ‘EOS-03’ लांचिंग मिशन, उपग्रह से क्या मिलता फायदा...
, गुरुवार, 12 अगस्त 2021 (09:36 IST)
मुख्‍य बिंदु
  • इसरो ने गुरुवार सुबह लांच किया ‘EOS-03’
  • तीसरे चरण में आई इंजन में खराबी
  • 2021 में इसरो का यह तीसरा मिशन था
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का जीएसएलवी रॉकेट द्वारा भू्-अवलोकन उपग्रह को स्थापित करने का मिशन रॉकेट के ‘क्रायोजेनिक चरण (कम तापमान बनाकर रखने संबंधी)’ में खराबी आने के कारण पूरी तरह से सम्पन्न नहीं किया जा सका।
 
फरवरी में ब्राजील के भू-अवलोकन उपग्रह एमेजोनिया-1 और 18 अन्य छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद 2021 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का यह दूसरा मिशन था।
 
एजेंसी के अनुसार, 51.70 मीटर लंबे रॉकेट जीएसएलवी-एफ10/ईओएस-03 ने 26 घंटे की उलटी गिनती के समाप्त होने के तुरंत बाद सुबह पांच बजकर 43 मिनट पर श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉंच पैड (प्रक्षेपण स्थल) से सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी।
 
‘मिशन कंट्रोल सेंटर’ के वैज्ञानिकों ने बताया कि उड़ान भरने से पहले, ‘लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड’ ने योजना के अनुसार सामान्य उड़ान भरने के लिए मंजूरी दी थी। पहले और दूसरे चरण में रॉकेट का प्रदर्शन सामान्य रहा।
 
कुछ मिनटों बाद हालांकि, वैज्ञानिकों को चर्चा करते देखा गया और रेंज ऑपरेशन्स निदेशक द्वारा मिशन कंट्रोल सेंटर में घोषणा की गई कि कुछ खराबी के कारण मिशन पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हो सका।
 
webdunia
‘ईओएस-03’ की सफलता से क्या होता फायदा : सैटेलाइट ईओएस-03 (EOS-03) उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की ताकत और बढ़ जाती। इससे सबसे बड़ा फायदा यह मिलता कि भारतीय उपमहाद्वीप में बाढ़ और चक्रवात जैसी आपदाओं की रियल टाइम तस्वीरें मिलती।
 
अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (ईओएस) की मुख्य विशेषता यह है कि यह चिन्हित किए गए किसी बड़े क्षेत्र क्षेत्र की वास्तविक समय की छवियां लगातार अंतराल पर भेजता रहता। यह प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ किसी भी तरह की अल्पकालिक घटनाओं की त्वरित निगरानी में मदद करता।
 
यह उपग्रह कृषि, वानिकी, जल निकायों के साथ-साथ आपदा चेतावनी, चक्रवात निगरानी, बादल फटने या आंधी-तूफान की निगरानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग लाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देता।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दिल्ली के मयूर विहार में 6 वर्षीय बच्ची से रेप, गंभीर स्‍थिति में AIIMS में कराया भर्ती