बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भारी बारिश की वजह से आम जनजीवन पटरी से उतर गया। देश की आईटी राजधानी के नाम से प्रसिद्ध शहर में मंगलवार को जगह-जगह 2 पहिया वाहन चालकों को पानी से भरी सड़कों पर अपने वाहनों को धकेलते और पैदल यात्रियों को घुटनों तक पानी से गुजरते देखा गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक, विशेष रूप से बेंगलुरु में पिछले 90 साल में ऐसी अप्रत्याशित बारिश नहीं हुई थी। सभी जलाशय भर गए हैं और उनमें क्षमता से अधिक पानी है। लगातार बारिश हो रही है, हर दिन वर्षा हो रही है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के अनुसार राज्य की राजधानी के कुछ क्षेत्रों में सितंबर के पहले 5 दिनों में सामान्य से 150 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। महादेवपुरा, बोम्मनहल्ली और के. आर. पुरम में 307 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई। उन्होंने कहा कि पिछले 42 साल में हुई यह सबसे ज्यादा बारिश थी।
क्यों हुई इतनी बारिश : कर्नाटक के 16 जिलों में पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है। दावा किया जा रहा है कि समंदर से 5-6 किमी की ऊंचाई पर शीर जोन बनने की वजह से दक्षिण कर्नाटक में भारी बारिश हो रही है। शीर जोन का मतलब होता है कि किसी क्षेत्र में विपरीत हवाओं का भर जाना। इससे भारी बारिश होती है।
मौसम एजेंसी स्कायमेट के अनुसार, उत्तर दक्षिण ट्रफ रेखा उत्तर आंतरिक कर्नाटक से आंतरिक तमिलनाडु होते हुए कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र कोमोरिन क्षेत्र और इससे सटे मालदीव क्षेत्र पर बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार, 2019 में शहर में 900 मिमी, 2020 में 1200 मिमी और 2021 में 1500 मिमी पानी गिरा था। पिछले कुछ सालों में बेंगलुरु में लगातार हो रही तेज बारिश की एक वजह जलवायु परिवर्तन भी है। यहां पिछले सालों में भौगोलिक परिवर्तन हुआ है।