धनखड़ पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते सरकारी बंगले के हकदार हैं। वह लगभग 15 महीने तक उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहे। इस बंगले का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत किया गया था। पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते वे 15 माह और इस बंगले में रह सकते थे, इसके बाद भी वे टाइप 8 बंगले के हकदार हैं जो वरिष्ठ मंत्रियों को मिलता है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि वे बंगला खाली कर कहां जाएंगे।
इस बीच उपसभापति हरिवंश ने राज्यसभा की जिम्मेदारी संभाल ली है। इधर विपक्ष का मानना है कि इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से नहीं हुआ है और इसके पीछे कुछ और गहरे कारण है। कई विपक्षी नेताओं ने जगदीप धनखड़ की सम्मानजनक विदाई की मांग की है।
इस बीच, केंद्र सरकार की मीडिया शाखा पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने उन दावों को खारिज कर दिया कि उपराष्ट्रपति के आधिकारिक आवास को सील कर दिया गया है और धनखड़ से इसे खाली करने के लिए कहा गया है।
पीआईबी ने एक्स पर एक फैक्ट चेक पोस्ट में कहा, सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से दावा किया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति के आधिकारिक आवास को सील कर दिया गया है और पूर्व उपराष्ट्रपति से तुरंत अपना आवास खाली करने के लिए कहा गया है। ये दावे फर्जी हैं।
उल्लेखनीय है कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सोमवार को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके अचानक इस्तीफा देने से सभी हैरान रह गए।
edited by : Nrapendra Gupta