Uttar Pradesh news in hindi : बसपा अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि देश के 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को सरकारी अनाज का मोहताज बना देना ना तो आजादी के बाद का सपना था और ना ही संविधान बनाते समय बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने सोचा था।
मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर डॉ अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, 'देश के 81 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के लिए मोहताज बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आजादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद है।'
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'देश में रोटी-रोजी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं, पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय है जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी।'
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। कोरोना वायरस महामारी के समय में लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए इस योजना को शुरू किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे गई। इस योजना के तहत गरीबों को हर महीने 5 किलोग्राम राशन मुफ्त दिया जाता है।