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Chat GPT Side Effects: क्‍या Chat GPT की वजह से आधे मशीनों में बदल जाएंगे इंसान?

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नवीन रांगियाल

ChatGPT की दुनिया में एंट्री हो चुकी है। यह एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल है। इसे दूसरा गूगल कहा जा रहा है। यानी ये वो सबकुछ करेगा जो गूगल करता है या शायद गूगल से भी ज्‍यादा।

हालांकि जो लोग इसे गूगल का पर्याय मान रहे हैं, उन्‍हें बता दें कि इसमें 2021 से पहले तक का ही डेटा उपलब्‍ध है। ऐसे में इसे गूगल को पटखनी देने में कुछ वक्‍त लग सकता है। हालांकि इसके कई फायदें हैं, लेकिन इसके कई साइड इफैक्‍ट्स भी सामने आने लगे हैं। जहां अमेरिका में Chat GPT की मदद से एमबीए की परीक्षाएं पास कर लीं गईं, वहीं न्‍यूयॉर्क में बच्‍चे इसकी मदद से होम वर्क करने के आदि हो गए हैं। भारत में बैंगलुरु समेत कई यूनिवर्सिटी में इसके लिए नए नियम बनाए जा रहे हैं।

क्‍या है Chat GPT?
Chat GPT के साइड इफैक्‍ट जानने से पहले यह जान लेना चाहिए कि आखिर Chat GPT क्या है। आपको बता दें कि ये एक जनरेटिव प्री- ट्रेन ट्रांसफॉर्मर भाषा मॉडल है। जिसे AI ने डेवलेप किया है। जो सर्च बॉक्स में लिखे गए शब्दों को समझकर आर्टिकल, टेबल, समाचार लेख, कविता जैसे फॉर्मेट में आपको जवाब दे सकता है।

न्‍यूयॉर्क में क्‍यों प्रतिबंध हुआ chatGPT?
न्यूयॉर्क में बच्चों को chatGPT से होमवर्क करने और असाइनमेंट करने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि सभी स्कूलों और सार्वजनिक डिवाइस पर चैट जीपीटी को बैन करना पड़ा। जब बच्चे होमवर्क और असाइनमेंट जैसे काम भी किसी टूल के जरिए करेंगे तो बैसिक स्किल ही डेवेलप नहीं हो पाएगा। इससे उनकी कल्‍पनाशक्‍ति पर असर होगा। वे दिमाग और अपने इंसानी तर्क का इस्‍तेमाल नहीं कर पाएंगे। जिससे उनकी मानव मस्तिष्‍क की क्षमताएं कम होती जाएगीं।

क्रिएटिविटी होगी खत्‍म!
ऐसे बहुत सारे काम हैं जो क्रिएटिविटी की वजह से चर्चा में रहते हैं। ऐसे में यह इंसान की क्रिएटिविटी पर भी असर डाल सकता है। कई रिसर्च में यह सामने आ चुका है कि तकनीक की वजह से विचारों को या कल्‍पना का खतरा है। तकनीक की एल्‍गोरिदम की वजह से इंसानों में क्रिएटिव होने की प्रवृति कम हो रही है। जिसे जो कुछ भी चाहिए, वो एक क्‍लिक पर हासिल किया जा सकता है। तकनीक की वजह से ही मानव मस्तिष्क तेजी से सिकुड़ता जा रहा है, इसका खुलासा भी कई वैज्ञानिक और विशेषज्ञ कर चुके हैं। कोई आश्‍चर्य नहीं कि भविष्‍य का इंसान आधे मशीनों में तब्‍दील हो जाए।

व्‍याकरण में कर सकता है गलती
जहां तक इसके साइउ इफैक्‍ट का सवाल है तो आपको बता दें कि इसके इस्तेमाल के बाद आपको सारे जवाब तो मिल जाएंगे। लेकिन हो सकता है कि सह व्याकरण में गलती करे। इसलिए ऐसे डेटा का इस्‍तेमाल करने से पहले इसे क्रॉस चेक करना होगा।

जितनी ट्रेनिंग, उतना रिस्‍पॉन्‍स
Chat GPT एक लर्निंग मॉडल की तरह है। ऐसे में यह सिर्फ उतना ही जवाब देने में सक्षम है, जितनी जानकारी या इन्‍फॉर्मेशन इसमें डेटा के तौर पर फीड की गई है। या जितना Chat GPT को ट्रेनिंग दी गई है। इसलिए यह धारणा गलत है कि इसमें मानव मस्तिष्क के बराबर समझ होगी। हालांकि कहीं कहीं ये अच्‍छा भी है कि यह हुमन ब्रेन को प्रभावित नहीं करेगा।

अभी इसे हिंदी नहीं आती
कहा जा रहा है कि Chat GPT हर वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद होगा। लेकिन इसका एक साइड इफैक्‍ट फिलहाल यह है कि अभी यह सिर्फ अंग्रेजी में है। हिंदी और अन्‍य भाषाओं में आने के लिए अभी इसे काफी वक्‍त लग सकता है। ऐसे में जिन लोगों को अंग्रेजी नहीं आती है उन्‍हें इंतजार करना होगा।

क्‍या नौकरियां खा जाएगा Chat GPT?
जहां तक लोगों की नौकरियां खा जाने का सवाल है तो यह सही बात है कि कुछ हद तक उन लोगों के काम को Chat GPT प्रभावित कर सकता है, जिनका काम कंटेंट से जुडा हुआ है। हालांकि इसकी एप्रोच अभी हुमन ब्रेन तक नहीं है, ऐसे में बहुत से ऐसे काम जो इंसान कर सकते हैं, वो Chat GPT नहीं कर सकेगा। Chat GPT की गलतियों को चेक करने के लिए इंसानों की ही जरूरत होगी। वहीं, ये पत्रकारिता या कंटेंट राइटर जैसे कामों के साथ ही IT सेक्टर को को भी प्रभावित कर सकता है। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग करने वाले भी chatGPT के जद में आ सकते हैं।

इन बड़े विश्‍विद्यालयों ने बदले नियम
ChatGPT ने जैसे ओपन एआइ ने भारत के विश्वविद्यालयों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। बेंगलरू की RV यूनिवर्सिटी ने एआइ टूल्स के उपयोग को लेकर, विशेष रूप से ChatGPT के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही दयानंद सागर यूनिवर्सिटी और इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी बेंगलुरु (IIIT-B) समेत  कई यूनिवर्सिटी इसके गलत इस्‍तेमाल को रोकने के लिए नियम बना रही हैं। क्राइस्ट यूनिवर्सिटी ने एआइ बोट्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नियमावली तैयार की है। जबकि दयानंद सागर यूनिवर्सिटी ने असाइन्मेंट्स के तरीकों में परिवर्तन किए गए हैं।

कैसे करें Chat GPT का इस्‍तेमाल?
चैट जीपीटी का इस्तेमाल करने के लिए आपको इस वेबसाइट https://openai.com/blog/chatgpt/ पर विजिट करना होगा। वेबसाइट पर जाने के बाद आपको Try ChatGPT का ऑप्शन मिलेगा। उस पर क्लिक करें। इसके बाद आपको साइन-अप करना होगा। साइन- अप करने के बाद आप आसानी से चैट जीपीटी का इस्तेमाल कर सकेंगे।

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