क्या इस बार दक्षिण भारत से होगा भाजपा अध्यक्ष, ये नाम दौड़ में सबसे आगे
भाजपा अध्यक्ष पद चुनते समय आरएसएस की पसंद का भी रखना होगा ध्यान
BJP National President Election: देश के 22 राज्यों में भाजपा अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब जेपी नड्डा (JP Nadda) का उत्तराधिकारी चुनने का रास्ता भी साफ हो गया है। नड्डा जनवरी 2020 से इस पद पर काबिज हैं। नियमानुसार जनवरी 2023 में उनका तीन साल का कार्यकाल खत्म हो चुका है, लेकिन लोकसभा चुनाव की वजह से उन्हें जून 2024 तक एक्सटेंशन मिल गया था। उसके बाद भी एक साल और पूरा हो गया है, लेकिन भाजपा नड्डा का उत्तराधिकारी नहीं ढूंढ पाई।
फिलहाल सभी की नजर इस पर है कि भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होगा? कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक के बीच भी अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान चल रही है। आरएसएस भाजपा अध्यक्ष पद पर अपनी पसंद का नेता चाहता है, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह तथा उनके समर्थक चाहते हैं जेपी नड्डा जैसा कोई 'यसमैन' ही इस पद को संभाले।
दरअसल, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक बयान दिया था कि जब भाजपा कमजोर थी तो उसे आरएसएस की जरूरत थी, लेकिन अब भाजपा खुद मजबूत है और उसे आरएसएस की वैसी जरूरत नहीं है। इस बयान से संघ में बेचैनी और नाराजगी नजर आई। इसे भाजपा द्वारा अपनी स्वायत्तता जताने की कोशिश के रूप में देखा गया, लेकिन कुछ ने इसे संघ के साथ तनाव का संकेत भी माना। लेकिन, लोकसभा चुनाव के परिणाम ने भाजपा को हकीकत के धरातल पर लाकर खड़ा दिया था। लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा 240 सीटों पर ही सिमट गया। इससे भाजपा को संघ की अहमियत समझने में देर नहीं लगी। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं कि संघ की पसंद का चेहरा भी भाजपा का अध्यक्ष बन सकता है।
अटकलें तो ऐेसी भी हैं कि इस बार कोई महिला भाजपा की अध्यक्ष हो सकती है। इसमें सबसे ऊपर नाम वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का है। तमिलनाडु और केरल में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीतारमण को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। निर्मला तमिलनाडु की ही रहने वाली हैं। यदि ऐसा होता है तो वह भाजपा की पहली महिला अध्यक्ष होंगी और दक्षिण भारत से चौथी। आंध्रप्रदेश की राजामुंदरी लोकसभा सीट से सांसद डी. पुरंदेश्वरी भी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं।
यह संभावना इसलिए भी ज्यादा बन रही है क्योंकि भाजपा महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कह रही है। पार्टी महिला अध्यक्ष बनाकर देश की महिला मतदाताओं को भी संदेश दे सकती है। दक्षिण भारत से ताल्लुक रखने वाले बंगारू लक्ष्मण, जना कृष्णमूर्ति और वेंकैया नायडू भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि 2004 के बाद दक्षिण भारतीय राज्यों के नेता को भाजपा के इस शीर्ष पद पर मौका नहीं मिला है। यदि हिन्दी पट्टी से किसी महिला का नाम आता है तो वह स्मृति ईरानी हो सकती हैं। उनके पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि वे मोदी और शाह की करीबी भी हैं।
माना जा रहा है कि संघ के प्रांत प्रचारकों की दिल्ली बैठक में भी भाजपा के अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन नए नाम की घोषणा संभवत: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद ही होगी। संघ की इस बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
हालांकि अध्यक्ष पद के लिए कुछ ऐसे भी नाम हैं जो संघ और भाजपा दोनों की ही पसंद हो सकते हैं। इनमें केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, भूपेन्द्र यादव और धर्मेन्द्र प्रधान के नाम प्रमुखता से चल रहे हैं। हालांकि ऐन मौके पर कोई नया नाम भी सामने आ जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।