नई दिल्ली। असाधारण वीरता और साहस के कार्य के लिए विंग कमांडर सुमेध अशोक जामकर को वायुसेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है। विंग कमांडर सुमेध अशोक जामकर (28224) एफ (पी) उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव से लैस एक हेलीकॉप्टर यूनिट के फ्लाइट कमांडर के रूप में तैनात हैं।
19 अक्टूबर 21 को जब मूसलधार बारिश ने उत्तराखंड को प्रभावित किया तो विंग कमांडर सुमेध अशोक जामकर को आपदा राहत कार्यों के लिए गौचर में एक एएलएच हेलीकॉप्टर तैनात करने का काम सौंपा गया। 20 अक्टूबर को उत्तराखंड सरकार ने भारतीय वायुसेना को लापता सात सदस्यीय पर्वतारोहण दल की तत्काल खोज और बचाव के लिए हरसिल से लमखागा दर्रे के माध्यम से किलार (हिमाचल प्रदेश) के अभियान पर बुलाया।
नगण्य जानकारी उपलब्ध होने और इस बात की जानकारी के साथ कि खोज क्षेत्र में किसी भी यूनिट एयरक्रू ने कभी काम नहीं किया था। विंग कमांडर जामकर ने स्वेच्छा से दो एसडीआरएफ चालक दल के साथ मामूली मौसम में पंतनगर से हवाई यात्रा की। सीमित टर्न रेडियस उपलब्ध होने के साथ अपरिचित और दुर्गम इलाके में अत्यधिक ऊंचाई पर खोज को निरंतर संचालन की आवश्यकता थी।
इतनी अधिक ऊंचाई पर और मामूली मौसम में दोपहर के घंटों में परिचालन जोखिमों की परवाह किए बिना उन्होंने लगातार खोज जारी रखी, जब तक कि भारी बर्फबारी ने संचालन को बाधित नहीं किया। उनके सर्वोच्च अध्ययन ने उन्हें चार संभावित स्थलों को चिन्हित करने में सक्षम बनाया, जो सभी उच्च ढाल वाले ढलानों पर ताजा बर्फ से ढंके हुए थे।
उन्होंने 17300 फुट पर दूसरी सीढ़ी से सटे एक तंबू को देखा। सच्चे धैर्य और वीरता का परिचय देते हुए उन्होंने कगार पर उतरने का फैसला किया। तेज हवाओं के कारण हिमपात की स्थिति का मुकाबला करते हुए और त्रुटि के लिए कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते हुए इन्होंने 2 जीवित बचे लोगों को बचाने के लिए खड़ी ढलान पर विमान के गुरुत्वाकर्षण के केंद्र को बनाए रखा।
एसडीआरएफ के चालक दल के लिए उस ऊंचाई पर पार्थिव शरीर को उठाना असंभव था। इसके लिए उन्होंने लहरदार बर्फीले इलाके में आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए विंच केबल का उपयोग करके सरलता का प्रदर्शन किया। विंग कमांडर जामकर ने उस दिन लगातार तीन मिशनों को अंजाम दिया और तीन अन्य खतरनाक स्थानों पर उतरकर 15600 से 16900 फुट के बीच तीन जीवित बचे लोगों को बचाया और चार नश्वर अवशेषों को निकाला।
गैलेंट्री अवॉर्ड 2023 की घोषणा : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गणतंत्र दिवस पर सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए 412 वीरता पुरस्कारों और अन्य रक्षा अलंकरणों की घोषणा कर दी है। इनमें छह कीर्ति चक्र (चार मरणोपरांत), 15 शौर्य चक्र (दो मरणोपरांत), एक बार टू सेना मेडल (गैलेंट्री), 92 सेना पदक (चार मरणोपरांत), एक नौसेना पदक (शौर्य), सात वायुसेना पदक (वीरता), 29 परम विशिष्ट सेवा पदक, तीन उत्तम युद्ध सेवा पदक, एक बार टू विशिष्ट सेवा मेडल, 52 अति विशिष्ट सेवा पदक, 10 युद्ध सेवा पदक, दो को दोबारा सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 36 सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), दो को दोबारा नौसेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) (मरणोपरांत), 11 नौ सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) तीन मरणोपरांत सहित, 14 वायुसेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), दो को दोबारा विशिष्ट सेवा मेडल और 126 विशिष्ट सेवा मेडल शामिल हैं।
Edited By : Chetan Gour