नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने मंगलवार को दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों और गुजरात के कच्छ से पीछे हटना शुरू कर दिया। इस बार धान की फसल वाले राज्यों उत्तरप्रदेश और बिहार सहित कम से कम 8 राज्यों में कम बारिश हुई। वर्ष 2016 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में मानसून की वापसी शुरू हो गई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ट्वीट किया कि दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे कच्छ के हिस्सों से दक्षिण पश्चिमी मानसून आज सोमवार को वापस हो गया। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी की सामान्य तिथि 17 सितंबर है।
मौसम कार्यालय ने कहा कि मानसून की वापसी की स्थितियां- 5 दिन तक बारिश नहीं होना, क्षेत्र में प्रतिचक्रवात का बनना और शुष्क मौसम की स्थिति पूरी तरह देखी गई। इसने कहा कि दक्षिण पश्चिमी मानसून की वापसी की रेखा खाजूवाला, बीकानेर, जोधपुर और नलिया से होकर गुजरती है।
मौसम कार्यालय के अनुसार भारत में इस बार 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई लेकिन 8 राज्यों (उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर) में कम बारिश दर्ज की गई है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून 1 जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक जारी रहता है।
भारत में 1 जून से 20 सितंबर के बीच 878.5 मिमी बारिश हुई, जो समीक्षाधीन अवधि के लिए 822 मिमी की सामान्य वर्षा से 7 प्रतिशत अधिक है। उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में कम बारिश से राज्यों में धान की बुवाई प्रभावित हुई है। 16 सितंबर तक खरीफ सीजन के दौरान धान की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में 18.90 लाख हैक्टेयर कम था। कृषि मंत्रालय के अनुसार 16 सितंबर तक धान की बुवाई का रकबा 399.03 लाख हैक्टेयर था, जो पिछले साल 417.93 लाख हैक्टेयर था।(भाषा)