नई दिल्ली। देश में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के बढ़ते ग्राफ के बीच भारत में पुलिस बल की उनकी उपस्थिति महज 7.28 फीसदी तथा नक्सल प्रभावित तेलंगाना में सबसे कम 2.47 फीसदी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में पुलिस बल में बस 3.05 फीसदी महिलाएं हैं।
जम्मू-कश्मीर में उनकी स्वीकृत संख्या 80,000 से अधिक है। सरकार का यह आंकड़ा देश में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के तेजी से बढ़ते ग्राफ के बीच आया है। वर्ष 2015 में महिलाओं के विरुद्ध 3,29,243 अपराध हुए थे, जो वर्ष 2016 में बढ़कर 3,38,954 हो गए।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों एवं संघशासित प्रदेशों को 2009, 2012 और 2016 पत्र लिखकर उन्हें महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाकर 33 फीसदी करने की सलाह दी थी लेकिन उसके बाद भी स्थिति दयनीय है।
अधिकारी ने बताया कि सभी राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों से महिला कांस्टेबलों एवं उपनिरीक्षकों के अतिरिक्त पद सृजित करने और महिलाओं की भर्ती कर उन रिक्तियों को भरने का अनुरोध किया गया है।
पिछले साल 1 जनवरी को तेलंगाना पुलिस में महिलाकर्मियों की संख्या 2.47 फीसदी थी। तमिलनाडु पुलिस में महिलाकर्मियों की स्वीकृत संख्या 60,700 है। सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तरप्रदेश में पुलिस बल में महिलाएं बस 3.81 फीसदी हैं। उसमें उनकी स्वीकृत संख्या करीब 3,65,000 है। (भाषा)