Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

दो साल में 22 लीटर खून पी गए कीड़े

हमें फॉलो करें दो साल में 22 लीटर खून पी गए कीड़े
, बुधवार, 10 जनवरी 2018 (17:27 IST)
नई दिल्ली। देश में साफ सफाई को लेकर एक अभियान चलाया जा रहा है लेकिन हमारे देश में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर स्थितियां इस हद निराशाजनक हैं कि कोई सुधार की गुंजाइश नजर नहीं आती है। यह सभी जानते हैं कि पेट के कीड़े (कृमि) बच्चों के लिए बेहद खतरनाक होते हैं और उन्हें काफी नुकसान भी पहुंचाते हैं। 
 
सरकार इसके रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कई योजनाएं भी चला रही है, लेकिन एक घटना से हमारी रोकथाम और सतर्कता की पोल खुलती नजर आती है। उत्तराखंड में हल्द्वानी के 14 साल के एक किशोर के पेट में मौजूद हुकवर्म (एक तरह के कीड़े) ने 2 साल में 22 लीटर यानी 50 यूनिट खून चूस लिया। शुरुआत में डॉक्टरों को लगा कि बच्चा एनीमिया का शिकार है लेकिन उससे जुड़ी दवाओं से भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
 
हुकवर्म के खून चूसने के कारण किशोर के शरीर में खून की कमी को देखते हुए उसे बार-बार खून चढ़ाया गया लेकिन इसके बाद भी उसके शरीर में खून की कमी बनी रहती थी। 14 साल के बच्चे में औसतन 4 लीटर खून होता है। बच्चा 2 साल से इस समस्या से परेशान था और उसके शौच से खून आता था जिसके कारण उसके शरीर में आयरन में कमी आ गई और वह एनीमिया का शिकार हो गया।
 
लंबे समय तक जांच के बाद स्थानीय डॉक्टर जब बीमारी का पता नहीं लगा सके तो उसे 6 महीने पहले दिल्ली के गंगाराम अस्पताल लाया गया जहां पता चला कि किशोर पेट में मौजूद कीड़ों की वजह से परेशान है। उसके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा घटकर 5.86 ग्राम प्रति डेसीलीटर रह गई थी। हालांकि इस दौरान उसे पेट में दर्द, डायरिया या बुखार जैसी कोई दिक्कत नहीं थी।
 
इसके बाद गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने कैप्सूल एंडोस्कोपी के जरिए इस घातक बीमारी का पता लगाया और फिर इसका इलाज किया जा सका। कैप्सूल एंडोस्कोपी एक ऐसी तकनीक है जिसमें कैप्सूल के आकार का एक वायरलेस कैमरा मुंह के जरिए पेट में पहुंचाया जाता है। यह कैप्सूल कैमरा छोटी आंत में जाकर हर सेकेंड 12 फोटो बाहर भेजता है। 
 
इस तरह से 12 घंटे में करीब 70,000 फोटो खींची जा सकती है। इन्हें स्क्रीन पर लाइव भी देखा जा सकता है। कैप्सूल एंडोस्कोपी में पहले हाफ में आंत सामान्य दिख रही थी जबकि दूसरे हाफ में वहां खून दिखने लगा। इसके बाद गंभीर परीक्षण करने पर पता चला कि पेट में हुकवर्म है और वही खून पी रहा है। 
 
जो तस्वीर खींची गई उसमें उस कृमि के शरीर में बच्चे के शरीर से खींचा गया खून भी नजर आया। इसके बाद कृमि को दवा देकर मारा गया। देश में ऐसे कृमि की समस्या बेहद आम है और ये गंदा पानी पीने, हाथ साफ किए बगैर खाना खाने और नंगे पैर चलने के कारण शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अब एक कैप्सूल दूर कर देगा एचआईवी...