तीन तलाक और कॉमन सिविल कोड पर क्या बोले योगी आदित्यनाथ
लखनऊ , सोमवार, 17 अप्रैल 2017 (11:51 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए कहा कि 'तीन तलाक' पर मौन रहने वाले लोग भी इस सामाजिक समस्या के लिये दोषी हैं। योगी आदित्यनाथ यहां विधानभवन में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत चन्द्रशेखर की 91वीं जयंती पर 'चन्द्रशेखर, संसद में दो टूक' पुस्तक का विमोचन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों में से शायद योगी पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने 'समान नागरिक संहिता' का खुलेतौर पर समर्थन किया है।
योगी ने 'एक देश-एक कानून' का समर्थन करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री चन्द्रशेखर भी यही चाहते थे।
उन्होंने देश की ज्वलंत समस्याओं पर मौन रहने वालों की आलोचना की। उन्होंने महाभारत में द्रौपदी के चीरहरण का जिक्र करते हुए बताया कि विदुर ने भरे दरबार में कहा था कि ऐसी सामाजिक समस्याओं के लिए एक तिहाई उसका समर्थन करने वाले जिम्मेदार होते हैं। एक तिहाई दोषी जिम्मेदार होते हैं जबकि एक तिहाई मौन रहने वाले दोषी होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह तीन तलाक पर मौन रहने वाले भी दोषी हैं। शादी-विवाह के कानून एक क्यों नहीं हो सकते। उन्होंने चन्द्रशेखर जी को समान नागरिक संहिता का प्रबल पक्षधर बताया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक ज्वलंत समस्या है। इसे लेकर नई बहस चल रही है, लेकिन ज्वलंत समस्या होने के बावजूद इस पर बहुत से लोगों ने मौन साध रखा है।
योगी ने कहा कि चन्द्रशेखर विचारधारा से ज्यादा राष्ट्र को महत्वपूर्ण मानते थे। वे कहते थे कि राजनीति संविधान के दायरे में होनी चाहिए इससे टकराव नहीं होता। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को वैचारिक क्रांति के शाश्वत का प्रतीक बताया।
चन्द्रशेखरजी को संसद में समाजवाद को जिंदा रखने वाला पुरोधा बताते हुए उन्होंने कहा कि उनका परिवारवाद, गुंडागर्दी और जातिवादी समाजवाद से विरोध था। चन्द्रशेखरजी के भाषणों को सुनने के बाद समाजवाद के प्रति उनकी भावना बदली। विचारधारा कोई हो लेकिन सबका मकसद लोक कल्याण और राष्ट्रसेवा होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सही ढंग से विचारधारा आगे बढ़ती है तो देश भी तरक्की करता है। सत्य कभी-कभी बहुत कडुवा होता है लेकिन चन्द्रशेखरजी उसे बोलने में जरा भी हिचक नहीं रखते थे। अपनी बेबाकी के लिए मशहूर रहे चन्द्रशेखर जी ने अयोध्या, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और श्रीलंका की समस्या के बारे में 'दो टूक' टिप्पणी की थी और समस्याओं के हल के लिए अपनी राय व्यक्त की थी।
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