लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक माहौल बनाने के लिए आयोजित दो दिवसीय 'इन्वेस्टर्स समिट' में आए निवेश के प्रस्तावों को धरातल पर उतारना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके टीम के लिए बड़ी चुनौती है।
समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। समिट में केन्द्रीय मंत्रियों और देश-विदेश के नामीगिरामी कारोबारियों की मौजूदगी ने इसका स्तर काफी ऊंचा कर दिया। इसके बावजूद निवेश को धरातल पर उतारना बड़ी चुनौती मानी जा रही है। समिट 21 और 22 फरवरी इको आयोजित था।
मुख्यमंत्री के अनुसार चार लाख 28 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। समिट में रिलायंस ग्रुप के मुखिया मुकेश अंबानी, बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला, महिन्द्रा ग्रुप के अध्यक्ष अशोक महिन्द्रा, टाटा समूह के अध्यक्ष एम चन्द्रशेखरन, एस्सेलवर्ल्ड के अध्यक्ष सुभाष चन्द्रा समेत पांच सौ से अधिक उद्योगपतियों ने भाग लिया था।
समिट में कारोबारियों की बड़ी संख्या में भागीदारी से खुश मुख्यमंत्री ने अक्टूबर में आयोजित होने वाले 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट' को भी इसी प्रकार सम्पन्न कराने के लिए टीम भावना से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इन्वेस्टर्स समिट में हस्ताक्षरित एमओयू को धरातल पर लाने के लिए चिन्तित योगी ने सोमवार को अधिकारियों की बैठक में कहा कि जिन क्षेत्रों के संबंध में नीतियां अनुमोदित कराई जानी हैं, उसे प्राथमिकता पर संपन्न किया जाए। अनुमोदित नीतियों के क्रम में यदि शासनादेश जारी न हुआ हो, ऐसी स्थिति में यह कार्य प्रत्येक दशा में 15 दिन में पूरा कर लिया जाए।
योगी ने इस बात पर विशेष बल दिया कि उद्योगों को यथासंभव जारी नीति के अनुसार ही सुविधाएं दी जाएं तथा उनसे हटकर 'केस टू केस बेसिस' की प्रक्रिया से बचा जाए। उन्होंने लैंड बैंक सृजन के कार्य को प्राथमिकता पर पूरा कराने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'एक जनपद, एक उत्पाद' एक महत्वपूर्ण योजना है। इसे मुद्रा योजना, स्टैंडअप योजना, स्टार्टअप योजना आदि से जोड़े जाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन द्वारा 'एक जनपद, एक उत्पाद' योजना के तहत परंपरागत कारीगरों के कौशल विकास के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं।
उन्होंने सभी जिलों में इस प्रकार के कुटीर उद्योगों से जुड़े कारीगरों, उनके उत्पादन, बिक्री आदि का डाटाबेस तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डिजाइन, विपणन तथा निर्यात आदि सुविधाओं को इन कारीगरों तक पहुंचाने की रणनीति भी बनाई जाए।
बैठक में दी गई जानकारी के अनुसार एयरोस्पेस तथा डिफेन्स नीति, फार्मास्यूटिकल नीति तथा इलेक्ट्रिक व्हिकल्स नीति के ड्राफ्ट तैयार हो गए हैं। इसके अलावा, जनरल स्टार्टअप नीति का नवीन ड्राफ्ट एवं सिक यूनिट्स नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जाना है।
अनुमोदित नीतियों के क्रम में एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन नीति-2017, वस्त्रोद्योग सेक्टर की इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की प्रतिपूर्ति, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स नीति-2018, एसजीएसटी प्रतिपूर्ति (इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चुरिंग एवं आई/स्टार्टअप) के संबंध में शासनादेश निर्गत होने हैं।
इसके अलावा, बुंदेलखंड तथा पूर्वांचल क्षेत्रों में अधिकाधिक निवेश आकर्षित करने, प्रस्तावित डिफेन्स कॉरिडोर की विस्तृत योजना तैयार करने तथा ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए रोड कटिंग के संबंध में भी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारी दी गई।
बैठक में बताया गया कि 'निवेश मित्र' ऑनलाइन पोर्टल में पिछले पांच दिनों में 235 व्यक्तियों द्वारा पंजीकरण कराया गया है तथा विभिन्न प्रकार की अनापत्तियों के लिए 39 अनुरोध प्राप्त हो चुके हैं। 'निवेश मित्र' के तहत अग्नि एवं विद्युत सुरक्षा जैसी जटिल सुविधाओं की एनओसी को छोड़कर, शेष सुविधाओं की व्यवस्था लागू करने के संबंध में भी बैठक के दौरान विचार-विमर्श किया गया।
उद्योगपति एए खान कहते हैं कि योगी यदि समिट में हस्ताक्षरित एमओयू को आधा भी धरातल पर उतार पाए तो प्रदेश के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी। (वार्ता)