सीएम योगी आदित्यनाथ ने तकनीकी टीम को पल-पल नजर रखने के निर्देश दिये हैं।
उत्तर प्रदेश में मानसून के दस्तक से जहां राहत दी है, वहीं दूसरी तरफ संभावित बाढ़ के खतरे को भांपते हुए सरकार और संवेदनशील जिले अलर्ट हो गए हैं। पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभावित बाढ़ वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रैसिंग के जरिये समीक्षा की थी। जिसके बाद नदियों के उतार-चढ़ाव पर नजर रखने के सख्त निर्देश दिये गए हैं।
मानसून के साथ ही बाढ़ के खतरे ने लोगों को सक्ते में डाल दिया है। उत्तर प्रदेश ने मानसून की बारिश के साथ गंगा, यमुना, घाघरा, राप्ति और गंडक जैसी नदियां, जो हर साल हजारों हेक्टेयर जमीन को खुद में समेट लेती है, नदियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। सीएम योगी ने बाढ़ को लेकर बुलाई समीक्षा बैठक में अधिकारियों को 15 जून के बाद बाढ़ को लेकर सभी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
सीएम योगी ने संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी कंट्रोल रूम को क्रियाशील करने के साथ टेक्निकल टीम को भी पल-पल नजर रखने के निर्देश दिये हैं। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में अलग-अलग विभागों के टीम वर्क समन्वय स्थापित करने के कारण धन हानि और पशु हानि की घटनाएं बहुत कम ही आयी है।
लेकिन बावजूद इसके मौसम वैज्ञानिकों का आंकलन सरकार के लिए ज्यादा अलर्ट मोड पर रहने की वजह बताया जा रहा है। जिसमें उत्तर प्रदेश में मानसून की स्थिति ठीक रहने के कारण अच्छी बारिश के संभावना है।
ऐसे में जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह खुद जिलों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। जल शक्ति मंत्री अब तक बाढ़ के परिपेक्ष में 28 जिलों का दौरा कर चुके है, जबकि जल्द ही पूर्वांचल के वो जिलें जो हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं, वहां का दौरा करने वाले हैं। जिसमें बलिया, मऊ, गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया समेत कई अन्य जिले शामिल हैं।