उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भूमि खरीद को लेकर लगे आरोपों का संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।
उन्होंने ट्रस्ट और जिला प्रशासन से इस मामले में विस्तृत जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि मामला सामने आने के साथ ही पूरे देश में सुर्ख़ियों में आ गया। ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के इल्जाम लग रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन भी किया है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए कहा कि 'करोड़ों लोगों ने आस्था और भक्ति के चलते भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया। उस चंदे का दुरुपयोग अधर्म है, पाप है, उनकी आस्था का अपमान है।' इस मुद्दे पर विपक्ष के हमले तेज हो गए हैं। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी दलों ने ट्रस्ट पर जनता का पैसा लुटाने का और हिंदुओं की भावनाओं से विश्वासघात करने का इल्जाम लगाया है।
वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को कहा कि आरोप लगाने वाले राजनितिक लोग हैं। सियासी विद्वेष के कारण आरोप लगा रहे हैं। हकीकत तो यह है कि यह जमीन बाजार दर से कम कीमत पर खरीदी गई है।
इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम व राज्य सभा सांसद मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के लिए खरीदी गई 12080 वर्ग मीटर भूमि में भाजपा नेताओं ने करोड़ों रुपयों का घोटाले किया है।