Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि की नवमी व्रत पारण का अंतिम दिन होता है। इस दिन पूजा के साथ हवन करते हैं और फिर जवारे विसर्जन कर देते हैं। 16 अप्रैल 2024 बुधवार को नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। जानें पूजा और हवन के शुभ मुहूर्त और कन्या पूजन की विधि।
नवमी तिथि प्रारम्भ- 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01:23 बजे
नवमी तिथि समाप्त- 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03:14 तक।
उदयातिथि के अनुसार 17 अप्रैल को नवमी रहेगी।
हवन मुहूर्त : 17 अप्रैल 2024 नवमी पर हवन का शुभ विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 से 03:22 तक।
पूजा का मध्याह्न पुण्यकाल मुहूर्त- सुबह 11:10 से दोपहर 01:43 के बीच।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:47 से 07:09 तक।
संध्याकाल पूजा और आरती का समय : शाम 06:48 से रात्रि 07:56 तक।
निशीथ काल पूजा मुहूर्त : रात्रि 11:58 से 12:42 के बीच।
- नवरात्रि की नवमी पर हवन के बाद कन्या पूजन का खास महत्व रहता है।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार 2 से 10 वर्ष की आयु की कन्या कुमारी पूजा के लिए उपयुक्त होती हैं।
- सभी कन्याओं को कुश के आसान पर या लकड़ी के पाट पर बैठाकर उनके पैरों को पानी या दूध से धोएं।
- फिर पैर धोने के बाद उनके पैरों में महावार लगाकर उनका श्रृंगार करें और फिर उनके माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम का तिलक लगाकर उनकी पूजा और आरती करें।
- इसके बाद सभी कन्याओं को भोजन कराएं। साथ ही एक लांगुरिया (छोटा लड़का) को खीर, पूरी, प्रसाद, हलवा, चने की सब्जी आदि खिलाएं।
- भोजन कराने के बाद उन्हें दक्षिणा दें, उन्हें रूमाल, चुनरी, फल और खिलौने देकर उनका चरण स्पर्श करके उन्हें खुशी खुशी से विदा करें।