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गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में करें 10 महाविद्या को प्रसन्न, जानिए धन के लिए कौन-सी देवी की करें आराधना

हमें फॉलो करें गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों में करें 10 महाविद्या को प्रसन्न, जानिए धन के लिए कौन-सी देवी की करें आराधना
, बुधवार, 2 फ़रवरी 2022 (11:20 IST)
Gupt Navratri 2022: इस वर्ष 2022 में माघ मास की गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी 2022 से प्रारंभ होकर 10 फरवरी तक रहेगी। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा और साधना की जाती है। यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार का आर्थिक संकट है तो इस नवरात्रि में 10 महाविद्याओं को कर लें प्रसन्न। आओ जानते हैं कौनसी देवी धन संबंधी समस्या का समाधान करती हैं।
 
 
प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)। व्यक्ति को साधना के अनुसार ही चयन करके साधना करना चाहिए। गृहस्थ को सौम्यकोटि की देवी की पूजा करना चाहिए।
 
10 महाविद्याओं के नाम है- 1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला। उक्त दस महाविद्याओं का संबंध अलग अलग देवियों से हैं।
 
 
नोट : 10 महाविद्याओं में से 3 देवियां ऐसी हैं जो साधन की धन संबंधी समस्या को दूर करती हैं। आप निम्नलिखित 3 में से किसी एक की पूजा पद्धति जानकर इनकी गुप्त नवरात्रि में पूजा करना प्रारंभ कर दें। माता की रात्रि में पूजा होती है। पूजा के नियम जरूर जान लें।।
 
1. माता भुवनेश्वरी : भुवनेश्वरी माता का आशीर्वाद मिलने से धनप्राप्त होता है और संसार के सभी शक्ति स्वरूप महाबली उसका चरणस्पर्श करते हैं।
 
 
भुवनेश्वरी माता का मंत्र : 'ह्नीं भुवनेश्वरीयै ह्नीं नम:'। स्फटिक की माला से ग्यारह माला प्रतिदिन जपें।
 
 
2. माता त्रिपुर भैरवी : इन माता की पूजा और आराधना करने से आजीविका और व्यापार में इतनी वृद्धि होती है कि व्यक्ति संसार भर में धन श्रेष्ठ यानि सर्वाधिक धनी बनकर सुख भोग करता है।
 
त्रिपुर भैरवी का मंत्र : 'ह्नीं भैरवी क्लौं ह्नीं स्वाहा:'। मूंगे की माला से पंद्रह माला जपें।
 
 
3.कमला रानी : दरिद्रता, संकट, गृहकलह और अशांति को दूर करती है कमलारानी माता। इनकी सेवा और भक्ति से व्यक्ति सुख और समृद्धि पूर्ण रहकर शांतिमय जीवन बिताता है।
कमला माता का मंत्र : 'हसौ: जगत प्रसुत्तयै स्वाहा:।' कमलगट्टे की माला से रोजाना दस माला। 

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