मां की आराधना करने से नाना प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। आपके सारे पापों का क्षय हो जाता है। मां अपनी संतान को अपने आंचल में छुपाकर रखती हैं और अपनी संतान के हर मनोरथ को पूर्ण करती हैं। हम मां की आराधना संतान व भक्त दोनों बनकर करें व यह प्रार्थना करते हुए करें कि हे मां! तुमने इस संसार में हमको जन्म दिया है।
आपकी सभी संतान व सभी भक्त सुखी हों। इसी कामना से मैं इस नवरात्रि में आपकी आराधना कर रहा हूं। हे मां! हमको इस महामारी की घोर विपदा से बचा हमारे कष्टों का हरण कर। इसी मनोरथ से आराधना कर मां के घट की स्थापना करें।
चौघड़िया अनुसार मुहूर्त
लाभ चौघड़िया : सुबह 10.53 से दोपहर 12.28 तक।
अमृत चौघड़िया : दोपहर 12.28 से 2.02 तक।
शुभ : 3.37 से शाम 5.11 तक।
लाभ : रात्रि 8.11 से 9.36 तक।
लग्न अनुसार
मेष लग्न : सुबह 6.16 से 7.57 तक।
वृषभ : 7.57 से 9.56 तक।
सिंह : दोपहर 2.25 से 4.36 तक।
कन्या : अपराह्न 4.36 से 6.48 तक।
धनु : रात्रि 11.18 से 1.22 तक।
विशेष : धनु लग्न देर रात्रि में होने से आप रात्रि 11.18 से रात्रि 12.00 तक कर सकते हैं।