शीघ्र विवाह के लिए ऐसे करें मां कात्यायनी की आराधना
नवदुर्गा के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है। इनकी चार भुजाओं मैं अस्त्र शस्त्र और कमल का पुष्प है, इनका वाहन सिंह है। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं।
गोपियों ने कृष्ण जैसे वर की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी। विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है। इनकी कृपा से योग्य और मनचाहा पति प्राप्त होता है। ज्योतिष में बृहस्पति का संबंध इनसे माना जाना चाहिए।
इनकी पूजा से किस तरह की मनोकामना पूरी होती है?
- कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए इनकी पूजा, अर्चना, आराधना और मंत्र उपासना अद्भुत मानी जाती है।
- मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह के लिए भी इनके विशेष मंत्रों से मां की उपासना की जाती है।
- सुंदर और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है।
- अगर कुंडली में विवाह के योग क्षीण हों तो भी विवाह हो जाता है.
मंत्र इस प्रकार है :
"कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।"