नवरात्रि के पवित्र और शक्तिशाली 9 दिनों में मंत्र-पूजा का अधिक असर होता है। आप भी जीवन की कई समस्याओं के लिए विशेष मंत्रों का जाप कर सकते हैं। प्रस्तुत है सरलतम 11 बीज मंत्र .....
(1) जिन विद्यार्थियों की याददाश्त कमजोर हो या पढ़ने में दिल नहीं लगता हो, उन्हें माता सरस्वती का बीज मंत्र जपना चाहिए।
मंत्र- 'ॐ ऐं नम:।' 11 माला/ स्फटिक की माला।
(2) आर्थिक स्थिति मजबूत करने या दरिद्रता नाश के लिए
माता महालक्ष्मी का बीज मंत्र- 'ॐ श्रीं नम:' जपें। 11 माला कमल गट्टे की माला।
(3) कोर्ट-कचहरी में मामला हो, दुश्मन परेशान करते हों, कार्य में बाधा हो तो :
माता काली बीजमंत्र 'ॐ क्लीं नम:' जपें। 11 माला नित्य करें। काले हकीक की माला।
(4) शरीर अस्वस्थ हो, मसल्स, हड्डी की समस्या हो या नौकरी की समस्या हो, प्रमोशन नहीं मिलता हो या अधिकारी परेशान करते हों तो
'ॐ बम् नम:' की 11 माला नित्य जपें। यह शिवजी का मंत्र है रुद्राक्ष की माला।
(5) अज्ञात भय सताए, आशंका-कुशंका हो, कामों में रुकावटें हों, बनते काम बिगड़ जाएं तो
भद्रकाली के बीजमंत्र की नित्य 11 रुद्राक्ष की माला जपें- 'ॐ भं नम:'।
(6) व्यक्तित्व के आकर्षण के लिए, ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए, लोक व्यवहार बढ़ाने के लिए :
माता भुवनेश्वरी के बीज मंत्र 'ॐ ह्रीं नम:' का जप करें।
(7) शत्रु बाधा या शत्रु नाश के लिए, बाधा दूर करने के लिए
माता महाकाली के बीजमंत्र 'ॐ क्रीं नम:' की काले हकीक की 11 माला नित्य जपें।
(8) जिस व्यक्ति को सूर्य की दशा या कुंडली में सूर्य कमजोर हो या धन की व्यवस्था समय पर नहीं बनती हों,
वे धनदा देवी के बीजमंत्र 'ॐ धं नम:' की 11 माला नित्य करें। स्फटिक की माला उपयोग करें।
(9) मकान नहीं बन रहा हो, जायदाद की समस्या हो तो
'ॐ लं नम:' की 11 माला नित्य रुद्राक्ष की माला से जपें।
(10) कर्जमुक्ति, कार्य की रुकावटें, शत्रु बाधा, स्वास्थ्य आदि की समस्या के लिए
माता दुर्गा के बीज मंत्र 'ॐ दुं नम:' की 11 माला नित्य करें, रुद्राक्ष की माला से।
(11) शत्रु शांति, चुनाव आदि के लिए प्रतिस्पर्धा में, विजय के लिए, युद्ध आदि में विजय के लिए माता महाकाली के बीजमंत्र (उत्कट प्रयोग है, लापरवाही नहीं चलेगी)
'ॐ हूं नम:' की 11 माला काले हकीक की से नित्य करें। इति।