Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
  • तिथि- चैत्र शुक्ल चतुर्दशी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
  • व्रत/मुहूर्त-हाटकेश्वर ज., गुरु हरकिशन पुण्य., विश्व पृथ्वी दि.
  • राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

नवरात्रि का दूसरा दिन : मां ब्रह्मचारिणी बढ़ाती हैं स्मरण शक्ति, जानें माता का स्वरूप

हमें फॉलो करें नवरात्रि का दूसरा दिन : मां ब्रह्मचारिणी बढ़ाती हैं स्मरण शक्ति, जानें माता का स्वरूप
Devi Brahmacharini
 
 
नवदुर्गा के नौ रूप औषधियों के रूप में भी कार्य करते हैं। यह नवरात्रि इसीलिए सेहत नवरात्रि के रूप में भी जानी जाती है। आइए जानते हैं नौ दुर्गा के औषधीय स्वरूप के बारे में।  

द्वितीय ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी) - दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी को ब्राह्मी कहा है। ब्राह्मी आयु को बढ़ाने वाली स्मरण शक्ति को बढ़ाने वाली, रूधिर विकारों को नाश करने के साथ-साथ स्वर को मधुर करने वाली है। ब्राह्मी को सरस्वती भी कहा जाता है, क्योंकि यह मन एवं मस्तिष्क में शक्ति प्रदान करती है। यह वायु विकार और मूत्र संबंधी रोगों की प्रमुख दवा है। 
 
यह मूत्र द्वारा रक्त विकारों को बाहर निकालने में समर्थ औषधि है। अत: इन रोगों से पीड़ित व्यक्ति ने ब्रह्मचारिणी की आराधना करना चाहिए। नवरात्रि पर्व के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान शिव से विवाह हेतु प्रतिज्ञाबद्ध होने के कारण ये ब्रह्मचारिणी कहलाईं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या व चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। 
 
माता का स्वरूप- देवी ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ मे जप की माला है, बाएं हाथ में कमंडल है। देवी ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्म का स्वरूप है अर्थात तपस्या का मूर्तिमान रूप है। ये देवी भगवती दुर्गा, शिवस्वरूपा, गणेशजननी, नारायनी, विष्णुमाया तथा पूर्ण ब्रह्मस्वरूपिणी के नाम से प्रसिद्ध है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नवरात्रि 2020 में लग्नानुसार जपें मां दुर्गा का बस एक मंत्र,कष्टों का होगा अंत