Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(वरद चतुर्थी)
  • तिथि- माघ शुक्ल तृतीया
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00
  • व्रत/मुहूर्त-विनायकी, तिलकुंद, वरद चतुर्थी
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia

नवरात्रि 2022 : माता शैलपुत्री कौन हैं, जानिए उनका स्वरूप और प्रसाद

Advertiesment
हमें फॉलो करें नवरात्रि 2022 : माता शैलपुत्री कौन हैं, जानिए उनका स्वरूप और प्रसाद
देवी दुर्गा के नौ रूप होते हैं। देवी दुर्गा के पहले स्वरूप को माता शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा है। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्रि पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा व उपासना की जाती है। 
 
वृषभ स्थिता माता शैलपुत्री खड्ग, चक्र, गदा, बाण, धनुष, त्रिशूल, भुशुंडि, कपाल तथा शंख को धारण करने वाली संपूर्ण आभूषणों से विभूषित नीलमणि के समान कांति युक्त, दस मुख व दस चरण वाली है। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है। 
 
महाकाली की आराधना करने से साधक को कुसंस्कारों, दुर्वासनाओं तथा असुरी वृत्तियों के साथ संग्कर उन्हें खत्म करने का सामर्थ्य प्राप्त होता है।  ये देवी शक्ति, आधार एवं स्थिरता की प्रतीक है। इसके अतिरिक्त उपरोक्त मंत्र का नित्य एक माला जाप करने पर सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। इस देवी की उपासना जीवन में स्थिरता देती है। 
 
आज मां को चढ़ाएं ये प्रसाद 
 
मां भगवती की विशेष कृपा प्राप्ति हेतु सभी तरीकों से माता की पूजा के बाद नियमानुसार प्रतिपदा तिथि को नैवेद्य के रूप में गाय का घी मां को अर्पित करना चाहिए और फिर वह घी ब्राह्मण को दे देना चाहिए। 
webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

25 सितंबर 2022, रविवार: क्या कहती है आज आपकी राशि, पढ़ें 12 राशियों का दैनिक भविष्यफल