Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(पंचमी तिथि)
  • तिथि- कार्तिक शुक्ल पंचमी
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-पांडव पंचमी, ज्ञान पंचमी, गुरु गोविंद सिंह पुण्य.
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia
Advertiesment

दुर्गा नवमी 2021 : नौमी तिथि की ये 10 खास बातें जानकर ही करें पूजा या नए कार्य

हमें फॉलो करें दुर्गा नवमी 2021 : नौमी तिथि की ये 10 खास बातें जानकर ही करें पूजा या नए कार्य

अनिरुद्ध जोशी

, मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021 (19:01 IST)
चैत्र, गुप्त और शारदीय नवरात्रि में नवमी तिथि का बहुत महत्व होता है। यह नवरात्रि की अंतिम तिथि होती है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि में इस तिथि को माता सिद्धिदात्री देवी की पूजा होती है। 14 अक्टूबर 2021 को शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है। आओ जानते हैं नवमी तिथि का महत्व। 
 
1. नवमी तिथि चन्द्र मास के दोनों पक्षों में आती है। इस तिथि की स्वामिनी देवी माता दुर्गा है।
 
2. ज्योतिष के अनुसार यह तिथि रिक्ता तिथियों में से एक है। रिक्ता अर्थात खाली। इस तिथि में किए गए कार्यों की कार्यसिद्धि रिक्त होती है। यहीं कारण है कि इस तिथि में समस्त शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। मात्र माता की पूजा ही फलदायी होती है।
 
3. यह तिथि चैत्रमाह में शून्य संज्ञक होती है और इसकी दिशा पूर्व है। यह उग्र अर्थात आक्रामकता देने वाली तिथि हैं।
 
4. यह ‍तिथि शनिवार को सिद्धदा और गुरुवार को मृत्युदा मानी गई है। अर्थात शनिवार को किए गए कार्य में सफलता मिलती है और गुरुवार को किए गए कार्य में सफलता की कोई गारंटी नहीं।
 
5. इस तिथि में जगतजननी त्रिदेवजननी माता दुर्गा की पूजा करने से मनुष्य इच्छापूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है तथा हर क्षेत्र में सदा विजयी प्राप्त करता है।
 
6. नवमी तिथि के शुक्ल पक्ष में दुर्गा की पूजा शुभ लेकिन शिव पूजन अशुभ है। हालांकि कृष्ण नवमी को शिव पूजन कर सकते हैं।
 
7. जीवन में यदि कोई संकट है अथवा किसी प्रकार की अड़चनें आने से काम नहीं हो पा रहा है तो जातक दुर्गा नवमी के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करके विधिवत समापन करें और कन्याओं को भोज कराएं।
 
8. नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है, क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ-मांस के समान माना गया है। इस दिन कड़ी, पूरणपौल, खीर, पूरी, साग, भजिये, हलवा, कद्दू या आलू की सब्जी बनाई जा सकती है।
 
9. नवमी तिथि में जन्म लेने वाला जातक देवों का भक्त होता और पुत्रवान होता है। जातक अपने बाहुबल से विजय पाने की कोशिश करता है। हालांकि उसमें त्याग और समर्पण होता है। इस तिथि में जन्मा जातक धनार्जन में कुशल होता है।
 
10. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी अक्षय एवं आंवला नवमी के नाम से मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन होता है और आंवले के वृक्ष की पूजा भी की जाती है। अश्विन माह की शारदीय नवरात्रि में दुर्गा की पूजा होती है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को राम नवमी के रूप में उत्साह और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम का पूजन और वंदन करने से सुख, समृद्धि और शांति बढ़ती है। साथ ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दुर्गाष्टमी 2021 शुभ मुहूर्त : महाष्टमी पर कौन से समय करें देवी और कन्या पूजन, जानिए