Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(पंचमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण पंचमी
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-दीक्षा दिवस, पुष्य नक्षत्र (शाम 06.53 से)
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia
Advertiesment

नवरात्रि उत्सव 2021 : 9 देवी, 9 मंत्र, 9 उपाय और 9 पौराणिक तथ्य

हमें फॉलो करें नवरात्रि उत्सव 2021 : 9 देवी, 9 मंत्र, 9 उपाय और 9 पौराणिक तथ्य
शारदीय नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो रहा है। इस दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। आओ जानते हैं 9 देवी, उनके मंत्र और पौराणिक तथ्‍य।
 
 
नौ देवी : 1.शैलपुत्री 2.ब्रह्मचारिणी 3.चंद्रघंटा 4.कुष्मांडा 5.स्कंदमाता 6.कात्यायनी 7.कालरात्रि 8.महागौरी 9.सिद्धिदात्री। 
 
9 मंत्र : 
1. शैलपुत्री : ह्रीं शिवायै नम:। 
2. ब्रह्मचारिणी :  ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:। 
3. चन्द्रघण्टा :  ऐं श्रीं शक्तयै नम:। 
4. कूष्मांडा : ऐं ह्री देव्यै नम:। 
5. स्कंदमाता : ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:। 
6. कात्यायनी : क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
7. कालरात्रि  : क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:। 
8. महागौरी : श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:। 
9. सिद्धिदात्री :  ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:। 
 
9 पौराणिक तथ्य : 
1. पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।
 
2. ब्रह्मचारिणी अर्थात जब उन्होंने तपश्चर्या द्वारा शिव को पाया था।
 
3. चन्द्रघंटा अर्थात जिनके मस्तक पर चन्द्र के आकार का तिलक है।
 
4. उदर से अंड तक वे अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए हैं इसीलिए कूष्‍मांडा कहलाती हैं। 
 
5. उनके पुत्र कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है इसीलिए वे स्कंद की माता कहलाती हैं।
 
6. यज्ञ की अग्नि में भस्म होने के बाद महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्होंने उनके यहां पुत्री रूप में जन्म लिया था इसीलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। कहते हैं कि कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था इसलिए उन्हें महिषासुरमर्दिनी भी कहते हैं। इनका एक नाम तुलजा भवानी भी है।
 
7. मां पार्वती देवी काल अर्थात हर तरह के संकट का नाश करने वाली हैं इसीलिए कालरात्रि कहलाती हैं।
 
8. माता का वर्ण पूर्णत: गौर अर्थात गौरा (श्वेत) है इसीलिए वे महागौरी कहलाती हैं।
 
9. जो भक्त पूर्णत: उन्हीं के प्रति समर्पित रहता है उसे वे हर प्रकार की सिद्धि दे देती हैं इसीलिए उन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शारदीय नवरात्रि पर्व प्रारंभ, जानिए घटस्थापना का मुहूर्त और विधि