खास खबर: ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के भरोसे को बनाए रखने की अब सबसे बड़ी चुनौती!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 71वां जन्मदिन आज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने जीवन के 71 साल पूरे कर रहे है। भाजपा प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर पूरे देश में बड़े आयोजन कर रही है। आज से सात अक्टूबर तक चलने वाले आयोजन को पार्टी सेवा और समर्पण अभियान के तौर पर चलाने जा रही है। दरअसल सात अक्टूबर को पीएम मोदी के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक के सफर के 20 साल भी पूरे हो रहे है।
2014 में पहली बार देश की बागडोर अपने हाथों में थामने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विश्व के सबसे लोकप्रिय जननेता है। मोदी की कार्यशैली और व्यक्तित्व उनको दूसरे अन्य नेताओं की कतार से बिल्कुल अलग खड़ा करता है।
केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए सात साल बाद भी आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं है। देश की करोड़ों जनता अगर प्रधानमंत्री मोदी में एक नायक की झलक देखती है तो इसके पीछे उनके बड़े फैसले है। बात चाहे देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की हो या सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नेतृत्व क्षमता का पूरी दुनिया में लोहा मनवाया है।
मोदी सरकार के कामकाज से पिछले सात साल में जिस तरह “अच्छे दिन” से “आत्मनिर्भर” तक का सफर तय हुआ है, उससे देश को दुनिया में एक अलग पहचान मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 और 2019 में भाजपा को पूर्ण बहुमत से सत्ता तक पहुंचने के साथ उनकी सरकार ने एक नहीं, कई ऐसे फैसले किए जिन्होंने देश में नया इतिहास लिखा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में ही दुनिया ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए भारतीय सेना का पराक्रम देखा। वन नेशन-वन टैक्स के लिए जीएसटी, सवर्ण आरक्षण, अनुच्छेद 370 को खत्म कर आतंकवाद पर नकेल, तीन तलाक पर पाबंदी और नागरिकता संशोधन कानून भी प्रधानमंत्री मोदी की दृढ इच्छाशक्ति को दर्शाते है। इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन करने के साथ जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना जैसी जनकल्याण योजनाओं से देश के एक बड़े वर्ग को बड़ी सौगात दी है।
पिछले सात साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और निर्णयों ने देश के हर वर्ग, हर धर्म, हर संप्रदाय के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं में मोदी है तो मुमकिन है की उम्मीद जगायी है और अब इन्हीं उम्मीदों को बनाए रखना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भी है।
आज देश कोरोना के बाद की चुनौतियों से जूझ रहा है। अर्थव्यवस्था कोरोना की दो लहरों का सामना करते हुए लगभग बिखर सी गई है, बेरोजगारी का मुद्दा हर नए दिन के साथ सबसे बड़े संकट के रुप में बढ़ता जा रहा है। ऐसे में पूरे देश और हर देशवासी की निगाहें फिर एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पर टिकी हुई है।
2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश की जनता ने एक बार फिर विश्वास जताकर जिस प्रचंड बहुमत के साथ देश की सत्ता की चाभी दूसरी बार सौंपी थी, उस विश्वास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितना खरा उतर पाए है इसकी अग्निपरीक्षा अगले साल उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में होने जा रही है।